बंकुरा जिले के सोनामुखी ब्लॉक के कोचडीही गाँव की प्रिया रॉय नाम की एक गर्भवती महिला को पेट में दर्द की शिकायत के बाद रात में सोनामुखी ग्रामीण अस्पताल में भर्ती कराया गया. परिवार का कहना है कि ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने उन्हें मूत्र परीक्षण के लिए कहा. स्वाभाविक रूप से, गर्भवती माँ मूत्र एकत्र करने बाथरूम गईं. वहीं उनके अविकसित भ्रूण का जन्म हो गया.
चिकित्सा कर्मचारियों की लापरवाही
परिवार के सदस्यों ने ड्यूटी पर तैनात नर्सों को बुलाया, लेकिन नर्सें देर से आईं. बाद में माँ को प्रसूति वार्ड में ले जाया गया, लेकिन नवजात शिशु वहीं रह गया. कुछ देर बाद जब परिवार के सदस्य अविकसित भ्रूण को देखने आए, तो वह वहाँ नहीं था. परिवार ने आरोप लगाया कि एक कुत्ता अविकसित भ्रूण को मुँह में लेकर भाग गया. कुत्ते का पीछा करने के बावजूद भी भ्रूण को वापस नहीं लाया जा सका. जब अस्पताल प्रशासन परिवार से बहस करने लगा, तब सोनामुखी थाने की पुलिस मौके पर पहुंची.
प्रशासनिक कार्रवाई
इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने तुरंत गर्भवती माँ को बिष्णुपुर जिला अस्पताल रेफर कर दिया. स्वाभाविक रूप से अस्पताल की सुरक्षा और कर्मचारियों की लापरवाही पर सवाल उठने लगे. सुबह भी अस्पताल परिसर में कई कुत्ते घूमते देखे गए. बिष्णुपुर स्वास्थ्य जिले के दो उप-CMOH सोनामुखी ग्रामीण अस्पताल आए और लगभग एक घंटे तक अस्पताल प्रशासन से बात की. बिष्णुपुर स्वास्थ्य जिले की उप-CMOH मीनाक्षी माइती ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि महिला एक महीने और दस दिन की गर्भवती थी, परिवार का यह आरोप पूरी तरह से निराधार है. उन्होंने आरोप लगाया कि परिवार द्वारा दी गई तस्वीर फर्जी थी.
मां बोल रही झूठ?
हालांकि, प्रसूति माता प्रिया रॉय का दावा है कि वह पहले से ही पांच महीने की गर्भवती थी. उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय आशा दीदीमणि ने गलत जानकारी दी. उन्होंने कहा कि अविकसित बच्चे के जन्म के बाद उन्होंने देखा कि वह एक बेटी थी. दूसरी ओर, माँ के रिश्तेदार मोहन रॉय का दावा है कि उन्होंने यह तस्वीर अपने हाथों से ली थी.
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FIRST PUBLISHED :
November 20, 2024, 11:44 IST