भारत की कूटनीति का कमाल, ट्रंप ने ट्रैरिफ वार में इंडिया को क्यों दी राहत?

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Last Updated:February 03, 2025, 12:32 IST

Donald Trump Tariff War Explained: डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ बढ़ाने का कुछ देशों ने जवाब देना शुरू कर दिया है. कनाडा ने भी जवाबी टैरिफ लगा दिया है. हालांकि भारत इस वार से बचा हुआ है.

भारत की कूटनीति का कमाल, ट्रंप ने ट्रैरिफ वार में इंडिया को क्यों दी राहत?

अमेरिका ने फिलहाल के लिए भारत को टैरिफ वार में शामिल नहीं किया है.

Donald Trump Tariff War Explained: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप में दुनिया में टैरिफ वार छेड़ दी है. दो दिन पहले ही उन्होंने कनाडा, चीन और मेक्सिको से इंपोर्ट की जाने वाली चीजों पर टैरिफ में भारी बढ़ोतरी कर दी. इसके जवाब में कनाडा और मेक्सिको ने भी अमेरिका से होने वाले इंपोर्ट पर टैरिफ बढ़ा दिया है. हालांकि इस पूरी कवायद में अमेरिका ने भारत को अभी तक अलग रखा है, जबकि चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप ने भी भारत के हाई टैरिफ की आलोचना की थी. ऐसे में सवाल यह है कि ट्रंप ने इस टैरिफ वार से भारत को क्यों अलग रखा.

वैसे चीन, कनाडा और मेक्सिको से इंपोर्ट पर ट्रैरिफ बढ़ाने के डोनाल्ड ट्रंप के आदेश के अगले दिन ही भारत सरकार ने अपने आम बजट में कई चीजों की इंपोर्ट ड्यूटी में भारी कटौती की है. जानकार मानते हैं कि सरकार के इस कदम से काफी हद तक अमेरिका की चिंताएं दूर हो गई हैं.

ट्रंप का यह फैसला एक फरवरी से लागू हो गया है. उdonald trumpन्होंने कनाडा और मेक्सिको से आने वाली वस्तुओं पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाया है. चीन से आने वाली वस्तुओं पर 10 प्रतिशत शुल्क लगाया गया है. लेकिन ऐसा लगता है कि ट्रंप ने अभी तक भारत को अपने टैरिफ वार से बचा लिया है. सवाल यह उठ रहा है कि क्या डोनाल्ड ट्रंप आने वाले दिनों में भारत के खिलाफ टैरिफ लगाएंगे या फिर भारत टैरिफ हमले से बच जाएगा?

डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ हमले के जवाब में तीनों देशों ने अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाने की धमकी दी है. कनाडा ने मंगलवार से अमेरिकी इंपोर्ट पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने का आदेश दिया. मेक्सिको और चीन ने भी उचित कदम उठाने की बात कही है.

भारत को कैसे मिली राहत
डोनाल्ड ट्रंप ने इस टैरिफ वार में फिलहाल के लिए भारत को राहत दी है. पिछले सितंबर में ट्रंप ने भारत को इंपोर्ट ड्यूटी के मामले में एक शोषक राष्ट्र कहा था. उन्होंने कहा था… भारत के लोग बहुत तेज हैं. ये पीछे नहीं हैं… आप जानते हैं, ये अपने खेल के शीर्ष पर हैं और इसका इस्तेमाल हमारे खिलाफ करते हैं. इससे पहले 2019 में भी डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को टैरिफ किंग कहा था. इससे यह अनुमान लगाया गया कि भारत के खिलाफ भी डोनाल्ड ट्रंप टैरिफ लगा सकते हैं.

लेकिन फिलहाल ऐसा नहीं हुआ. संभवतः इसका कारण यह हो सकता है कि भारत ने अपने टैरिफ को अमेरिका के लिए कम कर दिया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में हाई-एंड मोटरसाइकिलों, कारों और स्मार्टफोन के पार्ट्स पर कस्टम ड्यूटी में कटौती का ऐलान किया, जिससे अमेरिकी कंपनियों जैसे हार्ले-डेविडसन, टेस्ला और एप्पल को फायदा हो सकता है.

1600 सीसी से कम इंजन क्षमता वाली मोटरसाइकिलों पर ड्यूटी 50 से घटाकर 40 प्रतिशत कर दी गई है. बड़ी मोटरसाइकिलों जिनकी इंजन क्षमता 1600 सीसी से अधिक है, पर यह कटौती और भी ज्यादा की गई है. इसके अलावा 40,000 डॉलर से अधिक की कीमत वाली लग्जरी कारों पर टैरिफ रेट 125 से घटाकर 70 प्रतिशत कर दिया गया है.

भारत का तर्क
भारत के वित्त सचिव तुहिन कांता पांडे का कहना है कि हमने 150 प्रतिशत, 125 प्रतिशत, 100 प्रतिशत, 40 प्रतिशत, 35 प्रतिशत, 30 प्रतिशत, 25 प्रतिशत जैसे हाई टैरिफ दरों को खत्म कर दिया है. इससे हम उद्योग और दुनिया को यह संकेत देना चाहते हैं कि हम एक हाई टैरिफ राष्ट्र नहीं हैं. हमारा औसत टैरिफ अब 10.6 प्रतिशत है, जो पहले करीब 11.55 प्रतिशत था.

भारत को लेकर ट्रंप की योजनाएं
ऐसा लगता है कि भारत ट्रंप के टैरिफ से बचने के लिए रणनीति पर काम कर रहा है. बिजनेस अखबार लाइव मिंट से बातचीत में दो अधिकारियों ने बताया कि भारत आने वाले महीने में एक विस्तृत योजना पेश कर सकता है. हालांकि यह अमेरिकी सरकार के निर्णयों पर निर्भर करेगी. एक अधिकारी ने कहा कि योजना पर काम चल रहा है. उन वस्तुओं की सूची तैयार की जा रही है जिन पर अमेरिका टैरिफ लगा सकता है. उद्योग को भी इस बारे में जागरूक किया जा रहा है.

इस बारे में वित्त सचिव तुहिन कांता पांडे का कहना है कि जब होगा तब देखा जाएगा. हमारे लिए यह कहना जल्दबाजी होगी कि अमेरिका हमारे खिलाफ टैरिफ लगाएगा. लेकिन इतना साफ है कि भारत, अमेरिका के साथ टैरिफ वार से बचना चाहता है.

अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार और सबसे बड़ा निर्यात बाजार है. संभवतः इसी वजह से दिल्ली ने पहले ही कई वस्तुओं पर टैरिफ घटा दिए हैं. इससे वॉशिंगटन को फायदा हो सकता है. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के अध्यक्ष संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि बजट घोषणाओं से भारत के बिजनेस पार्टनर्स को सकारात्मक संकेत मिले हैं.

First Published :

February 03, 2025, 12:32 IST

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