Agency:News18 Madhya Pradesh
Last Updated:February 05, 2025, 16:06 IST
Chhatarpur News: छतरपुर का यह जिन्होंने भोपाल में हजारों की सैलरी छोड़कर गोसेवा को अपनाया, अब दिव्यानी गोशाला में 80 से ज्यादा गायों की देखभाल करते हैं.
घायल नंदी की सेवा करते कमल कुमार पाल
हाइलाइट्स
- कमल कुमार पाल ने भोपाल की नौकरी छोड़ गोसेवा अपनाई।
- दिव्यानी गोशाला में 80 से ज्यादा गायों की देखभाल करते हैं।
- कमल का घर गोशाला से 110 किमी दूर है।
छतरपुर. छतरपुर जिले के रहने वाले कमल कुमार पाल, जिनकी गोसेवा देखकर हर कोई उनकी तारीफ कर रहा है. दरअसल, कमल इससे पहले भोपाल में नौकरी कर रहे थे, जहां उन्हें इतनी सैलरी मिल जाती थी कि उनके परिवार का भरण-पोषण आसानी से हो जाता था, लेकिन कमल भोपाल की नौकरी छोड़ अब गो सेवा में अपना पूरा समय दे रहे हैं.
जिले के बैरिया पुखरी के रहने वाले कमल कुमार पाल लोकल 18 से बातचीत में बताते हैं कि गोसेवा, तो बचपन से ही करते थे, लेकिन परिवार बड़ा था, तो जिले से बाहर भोपाल कमाने जाना पड़ा. भोपाल में 18 हजार रुपए की सैलरी मिल जाती थी. इस सैलरी से आराम से परिवार खर्च चल जाता था. भोपाल में जॉब के दौरान ही मेरा संपर्क दिव्यानी गोशाला छत्रसाल नंदीधाम संचालिका शुभा दीदी से हुआ. उन्होंने बताया कि आप छतरपुर जिला में स्थित दिव्यानी गोशाला आ जाइए. यहां आपको गो सेवा करनी है, सैलरी भी मिलेगी, लेकिन बहुत कम अमाउंट होगा. मैंने सोचा भले ही पैसे ज्यादा नहीं मिल रहे ,हैं लेकिन गो सेवा करके मन को सुकून ज़रुर मिलेगा.
घर से कोसों दूर गोशाला में रहते हैं
कमल बताते हैं कि जिले से 110 किमी दूर मेरा घर है. इसलिए परिवार से भी महीनों में मिलना हो पाता है. अब यहां भी गो सेवा करनी होती है. अभी 80 से ज्यादा यहां गाय मौजूद हैं, कुछ घायल भी रहते हैं जिनकी देख-रेख ज्यादा करनी होती है. जिसके चलते घर जाना कम हो पाता है.
बचपन से ही गायों से लगाव था
कमल बताते हैं कि जब मैं इस गोशाला में आया तो अच्छा लगा. यहां की गायों से लगाव हो गया. गायों की सेवा अच्छी लगने लगी. भगवान श्री कृष्ण ने गोसेवा की है तो हमारा भी गोमाता भला करेंगी. बस यही सोचकर गो सेवा में लगे हुए हैं. हालांकि, हमारे घर में भी गायें पली थीं, तो बचपन में भी गऊ सेवा करते थे. अब इस उम्र में कर रहे हैं.
Location :
Chhatarpur,Madhya Pradesh
First Published :
February 05, 2025, 16:06 IST