Last Updated:January 20, 2025, 17:23 IST
पशु की मृत्यु होने पर पशुपालक को शीघ्र ही इसकी सूचना बीमा विभाग को देनी होगी. बीमा विभाग की ओर से 21 कार्य दिवस के भीतर मृत बीमित पशु की दावा राशि का भुगतान सम्बन्धित पशुपालक को किया जाएगा.
धौलपुर. राज्य शासन ने पशुपालकों के लिए मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना का आरंभ किया है. इसमें पशु की अकाल मृत्यु पर जनाधार कार्ड धारक पशु पालक को बीमा क्लेम के रूप में आर्थिक सहायता मिलेगी. योजना में पशुपालकों को प्रीमियम भी नहीं देना होगा, यानी योजना मुफ्त रहेगी. जिले में 1000 से ज्यादा पशु पालक योजना के लिए आवेदन कर चुके हैं. तो वहीं राज्य सरकार ने बीमा योजना की अंतिम तारीख को बढ़ाकर अब 22 जनवरी कर दिया है. मंगला पशु बीमा योजना का क्रियान्वयन ट्रस्ट मोड पर राज्य बीमा और प्रावधायी निधि विभाग कर रहा है, जबकि पशुपालन विभाग को नोडल का दायित्व दिया गया है. योजना के तहत पशुओं का बीमा एक साल के लिए किया जाएगा.
पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. संतराम मीणा ने बताया कि बीमा राशि का निर्धारण पशु की नस्ल, दुग्ध उत्पादन क्षमता के आधार पर किया जाएगा. पशु का बीमा 40 हजार रुपए से अधिक नहीं किया जाएगा. बीमा योजना में धौलपुर जिले में 1000 से ज्यादा पशु पालकों ने आवेदन किया है. सरकार ने योजना से जुडऩे के लिए 12 जनवरी अंतिम तिथि रखी थी, लेकिन अब इसमें 10 दिनों का इजाफा करते हुए इसे 22 जनवरी तक के लिए बढ़ा दिया गया है. सरकार के इस कदम से पशुपालकों को बड़ी राहत मिली है. पशुपालक खुद के मोबाइल में एप डाउनलोड करके और ई-मित्र पर जाकर पशुओं का बीमा करवाने को लेकर पंजीयन करवा सकते हैं. योजना में समस्त बीमा प्रक्रिया उपरांत पशुपालक को मोबाइल पर एसएमएस के माध्यम से बीमा पॉलिसी का लिंक प्राप्त होगा. यदि बीमित पशु का टैग किसी कारणवश गुम हो जाता है तो उस स्थिति में पशुपालक को बीमा विभाग को सूचना देनी होगी. बीमित पशु की मृत्यु होने पर पशुपालक को शीघ्र ही इसकी सूचना बीमा विभाग को देनी होगी. बीमा विभाग की ओर से 21 कार्य दिवस के भीतर मृत बीमित पशु की दावा राशि का भुगतान सम्बन्धित पशुपालक को किया जाएगा.
लॉटरी से होगा पशुपालकों का चयन
योजना के तहत प्रदेश के 21 लाख पशुओं का बीमा किया जाएगा. इसमें 5-5 लाख दुधारू गाय व भैंस, 5-5 लाख भेड़ बकरी व एक लाख ऊंट शामिल हैं. यदि योजना में इनसे अधिक पशुओं के बीमे के लिए आवेदन आते हैं तो लॉटरी के आधार पर पशुपालकों का चयन किया जाएगा.
पशुओं की टैगिंग बीमा के लिए अनिवार्य
बीमा के लिए पशुओं की टैगिंग जरूरी है. चयनित पशुपालक के अधिकतम 2 दुधारू पशु (गाय, भैंस अथवा दोनों) 10 बकरी, 10 भेड़, एक उष्ट्र वंश पशु का मुफ्त बीमा होगा. यह बीमा उन्हीं पशुओं का होगा जो किसी अन्य योजना में बीमित नहीं होंगे. यह बीमा एक वर्ष के लिए होगा. पशुपालक को इसके लिए कोई प्रीमियम नहीं देना होगा. बीमा राशि का निर्धारण पशु की नस्ल, उम्र व दुग्ध उत्पादन क्षमता के आधार किया जाएगा. लेकिन किसी भी स्थिति में बीमा की अधिकतम राशि चालीस हजार रुपए से अधिक नहीं होगी. पशुओं के बीमा के लिए निर्धारित उम्र अनुसार गाय की उम्र 3 से 12 वर्ष और भैंस की 4 से 12 साल होनी चाहिए.
Location :
Dhaulpur,Dhaulpur,Rajasthan
First Published :
January 20, 2025, 17:23 IST