मंदिर जाने से पहले तामसिक भोजन करें या नहीं? कितने प्रकार के होते हैं भोजन?

1 hour ago 1
मंदिर जाने से पहले तामसिक भोजन करें या नहींमंदिर जाने से पहले तामसिक भोजन करें या नहीं

हाइलाइट्स

ज्योतिष शास्त्र में भोजन को तीन भागों में रखा गया है. जिसमें सात्विक, राजसिक और तामसिक शामिल है.

Tamsik Bhojan : हिन्दू धर्म में किसी भी धार्मिक अनुष्ठान जैसे पूजा-पाठ, यज्ञ, हवन आदि में बैठने या मंदिर जाने के लिए शुद्धता को सर्वोपरी बताया गया है. इसके अलावा आप इस अवधि में भोजन किस प्रकार का ग्रहण करते हैं यह भी महत्वपूर्ण माना गया है. क्योंकि, ज्योतिष शास्त्र में भोजन को तीन भागों में रखा गया है. जिसमें सात्विक, राजसिक और तामसिक शामिल है. बात जब धार्मिक कार्यों की आती है तो इनमें से तामसिक भोजन ना करने का नियम महत्वपूर्ण हो जाता है. वहीं कई लोगों में मन में यह प्रश्न भी उठता है कि क्या तामसिक भोजन करने के बाद मंदिर जाया जा सकता है? क्योंकि, कई लोग स्नान कर मंदिर जाने की बात करते हैं जिससे उनके मन में पवित्रता की भावना आती है लेकिन क्या ऐसा करना सही है आइए जानते हैं भोपाल निवासी ज्योतिष आचार्य पंडित योगेश चौरे से.

एक प्रमुख प्रश्न यह उठता है कि क्या तामसिक भोजन करने के बाद मंदिर जाना चाहिए? दरअसल मंदिर जाने के लिए भी कुछ विशेष नियम बनाए गए हैं और सबसे प्रमुख है मंदिर जाने से पहले किस तरह का भोजन करना चाहिए?

यह भी पढ़ें – Pitru Paksha 2024: पितृ पक्ष में भूलकर भी नहीं करें इस सफेद चीज का दान, जानिए क्या है कारण

तामसिक भोजन में क्या शामिल?
किसी भी प्रकार का मांसाहार, जिसमें मांस और मछली आदि शामिल होते हैं के अलावा प्याज और लहसुन को भी तामसिक भोजन की श्रेणी में रखा गया है. इसके अलावा किसी भी तरह​ का नशीला पदार्थ भी इसमें शामिल है. ऐसा माना जाता है कि तामसिक भोजन आपके शरीर और मन में भारीपन लाता है साथ ही ऐसा भोजन या पदार्थ आपके अंदर क्रोध, आलस्य और नकारात्मकता को बढ़ाते हैं, जिससे आपके अंदर एकाग्रता नहीं आ सकती और आप आध्यामिकता की ओर नहीं बढ़ सकते.

यह भी पढ़ें – ऐसा-वैसा न समझे इस जड़ को, तिजोरी में रखने मात्र से होगी धन की शुद्धि, आर्थिक तंगी से भी मिलेगा छुटकारा

क्या मंदिर जाने से पहले तामसिक भोजन कर सकते हैं?
चूंकि, तामसिक भोजन के बारे में हम पहले ही जान चुके हैं और इसके प्रभाव से भी परिचित हो चुके हैं. वहीं ऐसा भी कहा जाता है जैसा खाए अन्न वैसा हो मन यानी कि तामसिक भोजन ग्रहण करने के बाद आपके विचार भी अशुद्ध हो जाते हैं. चूंकि मंदिर एक पवित्र स्थान है जहां आपको दैवीय ऊर्जा के प्रभाव से सकारात्मकता का महौल मिलता है. यह पूरी तरह से आध्यात्मिक है. ऐसे में मंदिर में तामसिक भोजन ग्रहण के बाद मंदिर ना जाने की सलाह दी जाती है.

Tags: Astrology, Dharma Aastha, Religion

FIRST PUBLISHED :

October 2, 2024, 11:50 IST

*** Disclaimer: This Article is auto-aggregated by a Rss Api Program and has not been created or edited by Nandigram Times

(Note: This is an unedited and auto-generated story from Syndicated News Rss Api. News.nandigramtimes.com Staff may not have modified or edited the content body.

Please visit the Source Website that deserves the credit and responsibility for creating this content.)

Watch Live | Source Article