इंफाल. मणिपुर में पिछले साल मई से अब तक जातीय हिंसा (Ethnic Violence) में 258 लोगों की जान जा चुकी है. मणिपुर सरकार के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. कुलदीप सिंह ने बताया कि राज्य में सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्सेज (CAPF) की लगभग 90 कंपनियां तैनात की जाएंगी, जो मणिपुर में पहले से मौजूद 198 कंपनियों के अतिरिक्त होंगी. सुरक्षा समीक्षा बैठक के बाद कुलदीप सिंह ने कहा कि इस हिंसा में अब तक आतंकवादियों सहित कुल 258 लोगों की जान जा चुकी है.
मणिपुर सरकार के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने बताया कि मंत्रियों और विधायकों की संपत्तियों में तोड़फोड़ एवं आगजनी के सिलसिले में 32 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि करीब 3,000 लूटे गए हथियार बरामद किए गए हैं. बता दें कि मणिपुर में पिछले साल हिंसा भड़क उठी थी. इसके बाद बीच में माहौल काफी शांत रहा. पिछले कुछ सप्ताह में फिर से मणिपुर में हिंसा भड़क गई है. गृह मंत्री ने मणिपुर में हिंसा की स्थिति और उसे रोकने के उपायों को लेकर समीक्षा बैठक की. साथ ही मणिपुर में केंद्रीय सुरक्षाबल की अतिरिक्त कंपनियों को तैनात करने का आदेश दिया था.
मणिपुर हिंसा पर राजनीति
कांग्रेस ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे को लिखा गया पत्र झूठ से भरा हुआ है और यह मणिपुर के विषय से ध्यान भटकाने की कोशिश है. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह सवाल भी किया कि प्रधानमंत्री राज्य का दौरा कब करेंगे और गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर में अपनी घोर विफलताओं की जिम्मेदारी कब लेंगे? भाजपा अध्यक्ष नड्डा ने शुक्रवार को खरगे को पत्र लिखकर कांग्रेस पर मणिपुर के मुद्दे पर गलत, झूठा और राजनीति से प्रेरित बात को आगे बढ़ाने का आरोप लगाया. खरगे ने पिछले मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर मणिपुर के मामले में उनसे हस्तक्षेप का आग्रह किया था.
क्या बोले जयराम रमेश?
जयराम रमेश ने X पर एक पोस्ट में कहा, ‘मणिपुर पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भारत की राष्ट्रपति को पत्र लिखा. जाहिर तौर पर उस पत्र का जवाब देने के लिए अब भाजपा अध्यक्ष ने कांग्रेस अध्यक्ष को पत्र लिखा है.’ उन्होंने दावा किया कि इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि नड्डा का पत्र झूठ से भरा है और 4D डिनायल (इनकार), डिस्टॉर्शन (विकृत करना), डिस्ट्रैक्शन (ध्यान भटकाना) और डिफेमेशन(अपमान करना) की कवायद है. रमेश ने कहा कि मणिपुर के लोग जल्द से जल्द राज्य में सामान्य स्थिति, शांति और सद्भाव बहाल होने लिए तरस रहे हैं.
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FIRST PUBLISHED :
November 22, 2024, 21:06 IST