इंफाल: मणिपुर में एक शख्स के लापता होने के बाद सीमांत क्षेत्रों में एक बार फिर तनाव पसर गया है। अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, मैतेई समुदाय से ताल्लुक रखने वाले 55 साल के एक शख्स के 24 घंटे से ज्यादा समय से लापता होने के कारण कांगपोकपी की सीमा से सटे इंफाल पश्चिम जिले के कुछ हिस्सों में मंगलवार को तनाव का माहौल रहा। उन्होंने बताया कि इंफाल पश्चिम के लोइतांग खुनौ गांव के रहने वाले लैशराम कमलबाबू सिंह सोमवार दोपहर को कांगपोकपी के लेइमाखोंग आर्मी कैंप में काम पर जाने के लिए घर से निकले थे और वह तभी से लापता हैं। अधिकारियों ने बताया कि लापता कमलबाबू सिंह का मोबाइल फोन बंद है।
जातीय हिंसा में अब तक 250 से ज्यादा की मौत
पुलिस के एक अधिकारी ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया, ‘पुलिस और सेना ने संयुक्त रूप से सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है।’ लापता व्यक्ति के परिवार के मुताबिक, सिंह लीमाखोंग आर्मी कैंप में छोटे-मोटे काम करते थे और यह इलाका कुकी बहुल इलाके से घिरा हुआ है। लीमाखोंग के पास रहने वाले मैतेई समुदाय के लोग जातीय हिंसा की शुरुआत के बाद से ही इस इलाके छोड़कर भाग गए हैं। पिछले साल मई से अब तक मणिपुर में भड़की जातीय हिंसा में 250 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। पुलिस ने इस बीच बताया कि सिंह के गांव से बड़ी संख्या में लोग लीमाखोंग के रास्ते पर उनकी तलाश के लिए निकले थे लेकिन सुरक्षा बलों ने स्थिति को बिगड़ने से रोकने के लिए कांटो सबल के पास उन्हें रोक दिया।
जिरीबाम के पुलिस अधिकारी ने दिया इस्तीफा
पुलिस ने बताया कि सुरक्षा बलों के द्वारा रोके जाने के बाद भीड़ ने पथराव कर सड़क को जाम कर दिया। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, ‘लीमाखोंग की सड़क पर बिना इजाजत के नागरिकों की आवाजाही को रोकने के लिए बैरिकेडिंग लगाई गई है।’ इस बीच मणिपुर पुलिस ने जिरीबाम के ऑफिसर इंचार्ज सगापम इबोटोम्बी सिंह का इस्तीफा स्वीकार कर लिया। एक आधिकारिक आदेश के मुताबिक, सिंह ने कुछ दिन पहले अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। जिरीबाम में 11 नवंबर को 3 महिलाओं व 3 बच्चों की किडनैपिंग और उसके बाद उनकी हत्या के मामले को लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे। (भाषा)