पटना: बिहार में हेल्थ सर्विस को लेकर लगातार सवाल उठता रहता है. मरीजों के इलाज से लेकर दवा आपूर्ति तक में लापरवाही के मामले सामने आते रहते हैं. इस बीच एक आंकड़े के मुताबिक बिहार 24 राज्यों में पहले नंबर पर है, जहां सरकारी अस्पतालों और अलग-अलग स्वास्थ्य केंद्रों द्वारा मुफ्त दवाएं मरीजों में बांटी जाती हैं. बिहार को केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की दवा और वैक्सीन वितरण प्रबंधन प्रणाली (डीवीडीएमएस) को सफल बनाने के लिए मान्यता मिली है.
मरीजों को आवश्यक दवा वितरण, आपूर्ति और उपयोग में 77.22 फीसदी अंक के साथ बिहार पहले नंबर पर रहा, वहीं 76.91 फीसदी अंक के साथ राजस्थान दूसरे नंबर पर और 69.14 फीसदी के साथ तेलंगाना तीसरे स्थान पर रहा. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने सितंबर की मासिक रैंकिंग जारी की है. बता दें कि मंत्रालय द्वारा देश के 24 राज्यों में ड्रग एंड वैक्सीन डिस्ट्रिब्यूशन मैनेजमेंट सिस्टम संचालित है.
बता दें कि साल 2005 में सीएम नीतीश कुमार ने अस्पतालों में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में सुधार की शुरुआत की थी. साल 2006 में नीतीश सरकार ने राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन अपनाया. इसके तहत मुफ्त दवा वितरण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, जिला अस्पतालों और उप केंद्रों पर शुरू की गई थी. साल 2011 में केंद्र सरकार की सिफारिश के बाद बिहार ने सरकारी अस्पतालों में अधिक दवा मुफ्त वितरण की योजना शुरू की थी. बिहार में आवश्यक दवाओं की लिस्ट में अभी कुल 611 दवाएं शामिल हैं. साल 2014 में राज्य के सरकारी अस्पतालों में मुफ्त दवा की उपलब्धता और बढ़ाई गई.
स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार को कहा, ‘डीवीडीएमएस के तहत राज्यों की रैंकिंग 11 मापदंडों पर तय की जाती है, जिसमें डीवीडीएमएस कवरेज और उपयोग, स्टॉक आउट, समाप्त मात्रा अनुपात जिसमें टूटना / हानि / बर्बादी, दवा आपूर्ति में औसत देरी और विक्रेता को भुगतान जारी करना शामिल है, और बिहार ने 11 मापदंडों के आधार पर पहला स्थान हासिल किया है.’ पत्र में कहा गया है कि दवाएं राज्य भर के जिला अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों पर उपलब्ध कराई जा रही हैं.
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FIRST PUBLISHED :
October 3, 2024, 08:08 IST