दरभंगा:- जिले के पूर्वी क्षेत्र में बाढ़ की समस्या एक गंभीर मुद्दा है. कमला नदी में जलस्तर बढ़ने से घनश्यामपुर, कुशेश्वर स्थान जैसे क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा बना रहता है. इन क्षेत्रों के स्थानीय निवासी हर साल बाढ़ की समस्या से जूझते हैं, जिससे उनकी फसलें बर्बाद हो जाती हैं और जीवन यापन मुश्किल हो जाता है. घनश्यामपुर प्रखंड के बौउर गांव में रहने वाले लोगों को अपने जीवन के साथ माल मवेशियों की भी चिंता बनी रहती है. यहां के स्थानीय लोग बताते हैं कि यहां बाढ़ के वक्त परेशानियां ही परेशानियां होती हैं. हर साल बाढ़ से लाखों का छती हर व्यक्ति को पहुंचता है.
मवेशियों की देखभाल की समस्या
इस गांव में घुटने से ऊपर लगभग कमर के पास तक पानी सड़कों पर लग जाता है और इस पानी में लोग अपना जीवन यापन कर रहे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि हर घर में पानी घुस गया और मवेशियों का चारा भी अब समाप्त होने वाला है. घास और जंगल भी काटकर मवेशियों को खिलाते थे, वह सब पानी में डूब चुका है. यहां के स्थानीय लोग कई बार नेता और सरकार के साथ अधिकारियों से यहां से पुनर्वास के लिए गुहार लगा चुके हैं, लेकिन उनकी मांग अभी तक पूरी नहीं हो सकी और मजबूरन बाढ़ का दंस झेलने को यह लोग मजबूर हैं.
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स्थानीय निवासियों की बढ़ जाती है परेशानी
दरभंगा में बाढ़ की समस्या एक गंभीर मुद्दा है, जिसे तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है. स्थानीय निवासियों को और अधिक सुविधाओं की आवश्यकता है, ताकि वे अपना जीवन यापन कर सकें. नेपाल के तराई क्षेत्र में लगातार हो रहे भारी वर्षा के कारण कमला और कोसी नदी उफान पर है, जिससे उत्तर बिहार के इलाके काफी ज्यादा प्रभावित होते हैं. यह दोनों नदियां दरभंगा जिले के पूर्वी क्षेत्र से होकर निकलती हैं, जिससे पूर्वी क्षेत्र बाढ़ से हर साल प्रभावित होते हैं और यहां के लोगों को हर साल फसल के साथ आर्थिक नुकसान भी सहना पड़ता है.
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FIRST PUBLISHED :
October 3, 2024, 09:51 IST