खंडवा: मध्य प्रदेश में नवरात्रि का पावन त्योहार बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है. पूरे नौ दिन मां की पूजा विधि विधान के साथ की जाती है. माता की स्थापना से पहले मां की मूर्ति को तैयार किया जाता है, लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि खंडवा का एक ऐसा किसान है जो 40 साल से अपने ही गांव की मिट्टी से गांव के लिए मूर्ति बना रहा है और इसका कोई पैसा भी नहीं लेता है.
बावड़ियाकाजी गांव का किसान
खंडवा शहर के इस गांव का नाम बावड़ियाकाजी है. यहां एक किसान है रमेश पटेल जो खेती के साथ माता की मूर्ति भी बनाते हैं. खास बात यह है कि किसान सिर्फ अपने गांव के लिए ही मूर्ति बनाते हैं, जिसकी स्थापना ग्रामीणों द्वारा की जाती है. इस काम के लिए रमेश किसी प्रकार का शुल्क नहीं लेते हैं. एक और खास बात यह है कि वह अपने ही गांव की मिट्टी से इस मूर्ति को बनाते हैं. मूर्ति बनाने में करीब 15 दिन लगते हैं.
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पर्यावरण के प्रति समर्पण
लोकल 18 से बात करते हुए रमेश पटेल का कहना है कि यह सिलसिला विगत 40 वर्षों से लगातार चल रहा है. इस मूर्ति का निर्माण खेत की मिट्टी से किया जाता है जिससे पर्यावरण पर इसका कोई दुष्प्रभाव न पड़े. इस मूर्ति में जो रंग डिज़ाइन किए जाते हैं वह भी प्राकृतिक चीजों से मिलकर बनाए जाते हैं. इस मूर्ति को गांव को पूरी तरह से समर्पित करते हैं और इसका किसी भी तरह का कोई शुल्क गांव के लोगों से नहीं लिया जाता है. इस मूर्ति में काली भूरी मिट्टी का प्रयोग किया जाता है जिससे यह मूर्ति आसानी से पानी में घुल मिल जाती है. आज के समय में प्रकृति को संजोकर रखना भी हम सब की जिम्मेदारी है. भगवान के साथ-साथ प्रकृति को भी मनाना चाहिए क्योंकि वातावरण शुद्ध रहेगा तो हमारा मन शुद्ध रहेगा और शरीर स्वस्थ रहेगा.
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FIRST PUBLISHED :
October 3, 2024, 11:40 IST