महाकुंभ में जब भगदड़ में गिरीं महिलाएं, इस हैदराबादी ने बचाईं दो जिंदगियां!

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Agency:Local18

Last Updated:January 30, 2025, 13:32 IST

Prayagraj Maha Kumbh Stampede: प्रयागराज कुंभ मेले में भगदड़ से 30 लोगों की मौत, कई घायल. हैदराबाद के जी सत्य नारायण मूर्ति ने दो महिलाओं की जान बचाई. मूर्ति की टोली को 1 किमी का सफर 8 घंटे में पूरा करना पड़ा.

महाकुंभ में जब भगदड़ में गिरीं महिलाएं, इस हैदराबादी ने बचाईं दो जिंदगियां!

कुंभ मेले में भगदड़ में जी सत्य नारायण मूर्ति ने दो महिलाओं की जान बचाई

Prayagraj Kumbh Mela Stampede: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में कुंभ मेले के दौरान कल भगदड़ में करीब 30 लोगों की जान चली गई और बहुत सारे लोग घायल हो गए. इस भगदड़ के दौरान हैदराबाद के एक शख्स ने अपनी जान जोखिम में डालकर दो लोगों की जान बचाई. गौरतलब है कि कुंभ मेले में जाना मतलब अध्यात्म और शांति की तलाश, लेकिन हैदराबाद के जी सत्य नारायण मूर्ति के लिए ये सफर कुछ और ही बन गया. प्रयागराज में बुधवार को अफरा-तफरी और भगदड़ मच गई और भीड़ के उस समंदर में मूर्ति न सिर्फ खुद को संभाला, बल्कि दो महिलाओं की जान बचाई.

बस कुछ मिनटों का रास्ता, आठ घंटे का सफर!
TOI की रिपोर्ट के अनुसार, मूर्ति ने बताया कि उनकी टोली को महज एक किलोमीटर का रास्ता तय करने में आठ घंटे लग गए. हालात ऐसे थे कि एक तरफ शाही स्नान के लिए जाते श्रद्धालु थे, तो दूसरी ओर लौटने वालों की भीड़.

दोनों महिलाओं को सुरक्षित निकाला
मूर्ति ने बताया कि लोग हिल भी नहीं पा रहे थे. हमें सिर्फ शाही स्नान तक पहुंचने में पांच घंटे लगे और तभी हालात बेकाबू हो गए. बैरिकेड्स टूट चुके थे, लोग एक-दूसरे पर गिर रहे थे. बता दें कि इस अफरातफरी में मूर्ति की नजर दो महिलाओं पर पड़ी जो भीड़ में गिर गई थीं. हालात इतने खराब थे कि लोग उनके ऊपर से गुजर रहे थे—बिना देखे, बिना रुके.

पेशे से ग्राफिक डिजाइनर मूर्ति ने बताया कि हमने भीड़ को रोकने की कोशिश की. हमारे साथ चार और लोग आ गए और मिलकर हमने दोनों महिलाओं को सुरक्षित निकाला. जब मूर्ति वापस लौटे, तो रास्ते में एक लावारिस शव पड़ा हुआ दिखा. जिसको लेकर कांपती आवाज में उनके मुंह से निकला, “बहुत डरावना था.”

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डर और अफवाहें
बता दें कि वापसी की यात्रा भी किसी परीक्षा से कम नहीं थी. अफवाहें, घबराहट और भीड़ में फंसे बुजुर्ग व बच्चे—सब मिलाकर माहौल बेहद परेशान करने वाला था. मूर्ति को वापस लौटने में दो घंटे और लगे, यानी कुल मिलाकर एक किलोमीटर का सफर आठ घंटे में पूरा हुआ. वहीं, एक और श्रद्धालु यड्डानापुडी सुब्रमण्यम ने बताया कि उनकी टोली को भी स्नान के लिए जाना था, लेकिन उनके साथ मौजूद गुरुजी ने चेतावनी दी और वे वहीं रुक गए.

Location :

Allahganj,Shahjahanpur,Uttar Pradesh

First Published :

January 30, 2025, 13:31 IST

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महाकुंभ में जब भगदड़ में गिरीं महिलाएं, इस हैदराबादी ने बचाईं दो जिंदगियां!

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