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महाराष्ट्र में फुस हुई शरद 'पावर', चाचा की आखिरी बाजी में अजित ने उन्हें धो डाला! 29 सीटों पर दी मात
मुंबई. महाराष्ट्र चुनाव 2024 के नतीजे शनिवार को आए तो हर कोई हैरान रह गया. पहले ही यह अनुमान लगाया जा रहा था कि महायुति गठबंधन सत्ता में आएगा लेकिन जीत इतनी भंपर होगी, इस बात की उम्मीद किसी को भी नहीं थी. महा विकास अगाड़ी गठबंधन की हार के साथ ही शरद पवार की राजनीति पर भी बट्टा लगता नजर आ रहा है. पाटी महज 10 सीटों पर ही सिमट गई. पार्टी तोड़कर अलग हुए उनके भतीजे अजित पवार का प्रदर्शन चुनावों में बेहद शानदार रहा. उनकी पार्टी को चार गुना ज्यादा यानी 40 सीटें मिले. इस दौरान 29 सीटों पर अजित ने चाचा की पार्टी के कैंडिडेट को धो डाला. पार्टी के पिछले करीब दो साल से चली आ रही वर्चस्व की लड़ाई के बीच नतीजों ने यह साफ संदेश दिया कि अजित ही NCP के असली वारिस हैं. साथ ही बढ़ती उम्र को देखते हुए शरद पवार की ‘पावर’ अब फुस्स होती नजर आ रही है.
लोकसभा चुनावों में अजित पवार का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा था. तब पार्टी ने चार सीटों में से केवल एक अपने नाम की थी. वहीं, विधानसभा चुनाव आते-आते सीटों की संख्या 40 तक पहुंच गई. शरद पवार ने शायद ही ऐसी कल्पना की होगी, भतीजा इस तरह बाजी मार जाएगा. एनसीपी को तोड़ने के समय अजित पवार अपने साथ 40 विधायक ले गए थे. अब शनिवार को महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों में उन्होंने 75% की स्ट्राइक रेट से इतनी ही सीटें जीतीं. उन्होंने यह साफ संदेश दिया कि एनसीपी के असली मालिक वो हैं. कानूनी तौर पर तो अजित को एनसीपी पर हक पहले ही मिल गया था. चुनाव नतीजों के बाद उन्होंने चाचा शरद पवार की राजनीति पर बट्टा लगा दिया है.
लोकसभा चुनाव के बाद अजित ने पलटा गेम
शरद पवार ने अजित के खिलाफ अपने पोते युगेंद्र पवार को मैदान में उतारा था. उन्होंने बारामती सीट पर अपने भतीजे को मात देकर पवार बनाम पवार की लड़ाई अपने नाम की. लोकसभा चुनाव में इस सीट पर अजित की वाइफ और सुप्रिया सुलेह के बीच जंग थी, जिसे सुप्रिया ने अपने नाम किया था. शरद पवार की एनसीपी जहां लोकसभा में अपनी सफलता के दम पर विधानसभा चुनाव में उतरी थी. वहीं अजीत के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपने अस्तित्व को बचाने की थी. पांच महीने में उन्होंने पार्टी को फिर से खड़ा किया. इस दौरान उनके सामने गठबंधन में सम्मानजनक स्थिति बनाए रखने से लेकर कार्यकर्ताओं का जोश हाई रखने की चुनौती थी.
शरद पवार का करंट खत्म!
90 के दशक में ये शरद पवार ही थे, जिन्होंने कांग्रेस पार्टी से अलग होने के बाद राष्ट्रपति कांग्रेस (NCP) के नाम से नई पार्टी बनाई और अपने पावर और करंट के दम पर महाराष्ट्र की राजनीति में सबसे चर्चित चेहरा बन गए. वो महाराष्ट्र की राजनीति का एपिसेंटर रहे हैं. शरद अब अपनी उम्र के आखिरी पड़ाव पर हैं. वो 83 साल के हो चुके हैं. अब उनमें पहले जैसा जोश और ताकत नहीं है कि वो पार्टी में इस तरह के उथल-पुथल के बीच नए सिरे से खड़ा कर सकें. शरद पवार की उम्र अगर 15 साल कम होती तो निरश्चित तौर पर यह कहा जा सकता था कि वो भतीजे अजित से मिल रही नई चुनौती के बीच फिर से पार्टी को खड़ा कर सकते हैं लेकिन आज के परिदृष्य में देखें तो ऐसा होना संभव होता नहीं दिख रहा.
Tags: Ajit Pawar, Maharashtra Elections, NCP main Sharad Pawar, Sharad pawar
FIRST PUBLISHED :
November 24, 2024, 07:45 IST