Maharashtra Jharkhand Exit Polls: महाराष्ट्र और झारखंड चुनाव में किसके सिर सजेगा ताज? क्या इंडिया गठबंधन मार लेगा बाजी या एनडीए कर देगा उनका सूपड़ा साफ? आज दोनों जगहों पर मतदान है. हालांकि इंडिया गठबंधन महाराष्ट्र और झारखंड चुनावों में गायब है और इसका छोटा रूप महाविकास अघाड़ी और महागठबंधन मैदान में है. फिर भी इन दोनों की जीत से इंडिया गठबंधन खुद को जीता हुआ ही मानेगा. कारण कांग्रेस इन दोनों गठबंधनों में शामिल है. जीत कौन रहा है, ये सब जानना चाहते हैं, चाहे वो महाराष्ट्र और झारखंड के निवासी या वोटर हों या न हों. इसी उत्सुकता को पूरा करने के लिए आज मतदान समाप्त होते ही एग्जिट पोल्स आ जाएंगे. हर कोई इन्हें बड़े चाव से देखेगा. यहां तक चुनाव लड़ रहे नेता और राजनीतिक दल भी. उन्हें पता है कि एग्जिट पोल्स में जीत जाने या हार जाने से कुछ फर्क नहीं पड़ने वाला लेकिन उत्सुकता ऐसी चीज है, जिसे रोक पाना काफी मुश्किल होता है. यही उत्सुकता कई बार चुनाव आयोग तक को कटघरे में खड़ा कर देती है. कारण एग्जिट पोल में जीता हुआ दल अगर हार जाता है, तो उसे लगता है कि उसके साथ जरूर कुछ गलत हुआ है, लेकिन अगर हारा हुआ जीत जाता है तो इसे लोकतंत्र की जीत बता देता है. इससे पहले की आप कोई राय बनाएं, यहां जान लें कि एग्जिट पोल्स कैसे होता है, कब शुरू हुआ और कितने नंबर से अब तक पास और फेल हुआ...
सबसे पहला एग्जिट पोल
सबसे पहला एग्जिट पोल अमेरिका में 1936 में किया गया था. तब न्यूयॉर्क शहर में राष्ट्रपति चुनाव का सर्वे कराया गया था. इस दौरान वोट डालकर बूथ से निकले वोटरों से पूछा गया था कि वे किस उम्मीदवार को वोट करके आए हैं. ये एग्जिट पोल जॉर्ज गैलप और क्लॉड रोबिंसन ने किया था. इस एग्जिट पोल में सामने आया था कि फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट चुनाव जीतेंगे और एग्जिट पोल सही साबित हुए. इसके बाद एग्जिट पोल चर्चित हो गए. 1937 में ब्रिटेन और 1938 में फ्रांस में एग्जिट पोल हुए. भारत में एग्जिट पोल की शुरुआत 1996 में हुई थी.
भारत में कैसा रहा सफर
भारत में पहला एग्जिट पोल 1996 में सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज ने किया था. एजेंसी ने अनुमान जताया था कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी की सरकार बनेगी. लोकसभा चुनाव के नतीजे एग्जिट पोल के मुताबिक आए. इसके बाद 1998 के भी लोकसभा चुनाव में सही साबित हुए, मगर 2004 में पूरी तरह फेल हो गए. सभी एग्जिट पोल अटल सरकार की एनडीए की वापसी बता रहे थे, लेकिन जीत गई कांग्रेस वाली यूपीए. इसके बाद 2009 के चुनाव में भी एग्जिट पोल फेल हुए. सभी भाजपा की वापसी करा रहे थे, लेकिन फिर जीत गई यूपीए. 2014 में एग्जिट पोल में बीजेपी की जीत का अनुमान तो लगाया गया था, लेकिन बीजेपी अकेले दम पर सरकार बना लेगी, ये कोई नहीं कह रहा था. 2019 के लोकसभा चुनाव में एग्जिट पोल में बीजेपी की सरकार का अनुमान जताया गया था और नतीजे एग्जिट पोल के मुताबिक ही आए. हालांकि, इसमें भी भाजपा की सीटें कम होती दिखाई गईं थीं, लेकिन भाजपा की सीटें 2019 में और बढ़ गईं. फिर 2024 में कई एग्जिट पोल भाजपा को 400 पार तक पहुंचा रहे थे, लेकिन भाजपा 250 पार भी नहीं हो पाई. हां, सरकार जरूर बन गई. महाराष्ट्र के मामले में एक्जिट पोल्स लगभग सही साबित हुए. सभी एग्जिट पोल्स में एनडीए को महाराष्ट्र में झटका दिखाया गया था.
2019 महाराष्ट्र चुनाव का हाल
इसी तरह बिहार का 2015 विधानसभा, दिल्ली का 2020 विधानसभा चुनाव, 2023 का मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव, हाल में हुआ हरियाणा विधानसभा चुनाव एग्जिट पोल्स के ठीक उलट आया. महाराष्ट्र की ही बात करें तो 2019 विधानसभा चुनाव में सभी एग्जिट पोल्स को मिलाकर बनाए गए 'पोल ऑफ एग्जिट पोल्स' (Poll of Exit Polls) में महाराष्ट्र में BJP-शिवसेना गठबंधन को 211 सीटें मिलती दिख रही हैं. वहीं, कांग्रेस-NCP (Congress-NCP Alliance) गठबंधन के खाते में 64 सीटें मिलने का अनुमान है.इसके अलावा अन्य के खाते में 13 सीट जाने के आसार हैं. बता दें कि महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना (BJP-Shiv Sena Alliance) ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. वहीं, कांग्रेस (Congress) ने शरद पवार (Sharad Pawar) की पार्टी NCP के साथ चुनाव से पहले गठबंधन किया था. महाराष्ट्र में विधानसभा की कुल 288 सीटें हैं और बहुमत का आंकड़ा 145 है. इंडिया न्यूज और पोलस्टार्ट के एग्जिट पोल्स के अनुसार बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को 194-203 सीटें मिल सकती हैं. वहीं कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन को 79-84 सीटें मिल सकती हैं. अन्य पार्टियों के खाते में 6-10 सीटें आ सकती हैं. इसके अलावा एबीपी न्यूज और सी-वोटर्स के सर्वे के अनुसार बीजेपी शिवसेना गठबंधन को 204 सीटें मिल सकती हैं. जबकि कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन को 69 सीटें मिल सकती हैं. वहीं अन्य पार्टियों के खाते में 15 सीटें आ सकती हैं. टाइम्स नाउ के एग्जिट पोल्स के अनुसार बीजेपी शिवसेना गठबंधन को जबरदस्त जीत मिलेगी और उनके खाते में 230 सीटें मिल सकती हैं. जबकि कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन को सिर्फ 48 सीटें मिलने का अनुमान जताया है. वहीं अन्य पार्टियों के खाते में 10 सीटें आ सकती हैं. हालांकि, रिजल्ट आया तो महाराष्ट्र की कुल 288 विधानसभा सीटों में बीजेपी को 104 सीटों पर जीत मिली.
2014 महाराष्ट्र चुनाव का हाल
2014 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एग्जिट पोल्स ने दावा किया था कि 288 सीटों वाली विधानसभा में लगभग 117-131 सीटें जीतकर भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनेगी. कुछ एग्जिट पोल्स ने कहा कि पार्टी अपने दम पर बहुमत का आंकड़ा पार नहीं कर पाएगी, तथा यदि चुनाव-पश्चात गठबंधन नहीं हुआ तो त्रिशंकु विधानसभा की भविष्यवाणी की गई थी. शिवसेना 66-77 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर तथा कांग्रेस 30-40 सीटों के साथ तीसरे स्थान पर रहेगी. एनसीपी 24-34 सीटों के साथ अपने पूर्व सहयोगी से पीछे रह सकती है. एमएनएस 4-10 सीटों के साथ सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली पार्टी होगी. एक अन्य एग्जिट पोल ने भविष्यवाणी की थी कि महाराष्ट्र में भाजपा 129 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी, हालांकि 288 सीटों वाली विधानसभा में यह 145 के बहुमत के आंकड़े से पीछे रह जाएगी. इसकी पूर्व सहयोगी शिवसेना 56 सीटों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी होगी. टाइम्स नाउ और सीवोटर के एग्जिट पोल के अनुसार कांग्रेस और एनसीपी क्रमशः 43 और 36 सीटों के साथ राज्य में तीसरे और चौथे स्थान पर रहने वाली हैं. रिजल्ट आया तो 2014 में बीजेपी को 122 सीटों पर जीत मिली थी. शिवसेना 63 सीटें जीतकर राज्य की दूसरी बड़ी पार्टी बनी थी.कांग्रेस 42 सीटें जीतकर तीसरे और एनसीपी 41 सीटें जीतकर चौथे नंबर पर रही थी. इस तरह से देखें तो एग्जिट पोल ज्यादातर समय एक अनुमान देने में कामयाब रहे हैं, लेकिन कई बार पूरी तरफ फेल भी हुए हैं.
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