Agency:News18 Chhattisgarh
Last Updated:January 23, 2025, 20:34 IST
Chilly Crop Damage: राजनांदगांव जिले में कई जगह पर किसानों के द्वारा मिर्च की खेती की गई है. मिर्च में थ्रिप्स किट का प्रकोप दिखाई दे रहा है, इसके कारण मिर्च को अच्छा खासा नुकसान हो रहा है. वहीं इससे बचने के लि...और पढ़ें
मिर्च में कीटों का प्रकोप
राजनांदगांव. राजनांदगांव जिले में कई जगह पर किसानों के द्वारा मिर्च की खेती की गई है. मिर्च में थ्रिप्स कीट का प्रकोप दिखाई दे रहा है. इसके कारण मिर्च को अच्छा खासा नुकसान हो रहा है. वहीं इससे बचने के लिए कृषि विभाग ने इससे बचाने के लिए विभिन्न सलाह दी है. इनका प्रयोग करने से कीटों के प्रकोप से बचा जा सकता है.
मिर्च की खेती पर मंडरा रहा थ्रिप्स का खतरा
राजनांदगांव जिले में किसानों के द्वारा कई जगहों पर मिर्च की खेती की गई है. मिर्च की खेती कर किसान आत्मनिर्भर हो रहे हैं और अच्छी खासी उत्पादन भी हो रही है. मिर्च की खेती में कीटों का प्रकोप दिखाई दे रहा है. थ्रिप्स और अन्य प्रकार की कीट मिर्च की फसल पर दिखाई दे रहे हैं, कृषि विभाग ने कीटों के प्रकोप से बचाव को लेकर किसानों को सलाह दी है.
थ्रिप्स और व्हाइट फ्लाइंग कीट का आक्रमण सबसे खतरनाक
राजनांदगांव जिले के कृषि विभाग के सहायक संचालक डॉ बीरेंद्र अनंत ने लोकल 18 को बताया कि अभी उद्यानिकी फसल में मिर्ची लगी हुई है. जिसमें थ्रिप्स वाइट फ्लाई इंसेक्ट और अन्य कीट दिखाई दे रहे हैं. यह कीट सभी स्टेज में पौधों पर आक्रमण करते हैं. थ्रिप्स और व्हाइट फ्लाइंग कीट का आक्रमण सबसे अधिक प्रभावित करता है. यह मिर्च के कोमल भाग को चूसने का काम करता है, चूसने का काम करते हैं तो पौधे का बढ़वार रुक जाता है, फूल आने बंद हो जाते हैं और फसल खराब हो जाती है. इसको समय रहते नियंत्रण करना बहुत ही आवश्यक होता है.
येलो स्टिकी ट्रैप्स का कर सकते हैं इस्तेमाल
इसके नियंत्रण के लिए हम जो मेजर उपयोग कर सकते हैं. इसमें येलो स्टिकी ट्रैप्स रहता है उसका उपयोग कर सकते हैं. येलो स्टिकी ट्रैप्स लगाते समय इस चीज का ध्यान रखना चाहिए कि जो कैनोपी रहता है उसके ही ऊपर में ये होना चाहिए कि जो छोटा-छोटा हॉपर कीड़ा रहता है अगर उड़ता है तो उसमें चिपक जाए. किसान भाई कभी-कभी यह गलती कर लेते हैं कि वह उसे कैनोपी के ऊपर लगाते हैं.
इन कीटों के प्रकोप से हो सकता है बचाव
थ्रिप्स पर नियंत्रण के लिए एग्रोनिल-एक्स (फिप्रोनिल 5% एससी) को 400 मिली प्रति एकड़ 150-200 लीटर पानी में मिला कर फसल में छिड़काव करें या फिर एग्रोस्टार किल-एक्स (थियामेथोक्सम 12.6% + लैम्ब्डा साइहलोथ्रिन 9.5% ZC ) को 80-100 मिली प्रति एकड़ 150-200 लीटर पानी में मिला कर फसल में छिड़काव किया जा सकता है.
Location :
Rajnandgaon,Rajnandgaon,Chhattisgarh
First Published :
January 23, 2025, 20:34 IST
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