मिश्रा vs मिश्रा: एक ही नाम के दो शख्स, 1 को मिला पद्म श्री तो दूसरा पहुंचा HC

2 hours ago 2

Last Updated:February 12, 2025, 12:37 IST

Odisha High Court News: ओडिशा हाईकोर्ट में पद्म श्री पुरस्कार पर दो दावेदारों के मामले पर सुनवाई हो रही है. दोनों का नाम सेम है- अंतर्यामी मिश्रा. अदालत ने 24 फरवरी को दोनों पक्षों को पेश होने का निर्देश दिया ह...और पढ़ें

 एक ही नाम के दो शख्स, 1 को मिला पद्म श्री तो दूसरा पहुंचा HC

हाईकोर्ट में मिश्रा बनाम मिश्रा केस में जज साहब भी कन्फ्यूज हो गए.

नई दिल्ली: ओडिशा हाईकोर्ट में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. मामला ऐसा था कि खुद जज साहब भी हैरान हो गए. दो लोगों ने पद्म श्री पुरस्कार पर अपना-अपना दावा ठोक दिया. हैरानी की बात ये है कि दोनों का नाम एक ही है- अंतर्यामी मिश्रा. दिलचस्प है कि राष्ट्रपति के हाथों इनमें से एक को पद्म श्री पुरसकार भी मिल चुका है. अब इस केस को सुलझाने में हाईकोर्ट जुट चुका है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर की मानें तो याचिकाकर्ता एक डॉक्टर और ओडिया साहित्यकार हैं. उन्होंने अलग-अलग भारतीय भाषाओं में 29 किताबें लिखी हैं. उनका आरोप है कि उनके ही नाम का एक पूर्व पत्रकार धोखाधड़ी से पुरस्कार पर अपना दावा कर रहा है. इसे लेकर ही उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

जज साहब ने क्या कहा?
मंगलवार को हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई की. जस्टिस एस के पानिग्रही ने कहा, ‘यह अदालत यह देखकर हैरान है कि पद्म श्री पुरस्कार की घोषणा से पहले राज्य सरकार की ओर से पूरी तरह से सत्यापन किया जाता है. इसके बावजूद केवल नाम एक होने की वजह से इस तरह के दावे और प्रतिदावे की स्थिति पैदा हो रही है.’ मामले की गंभीरता को देखते हुए हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को 24 फरवरी को दोपहर 2 बजे व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया है. अदालत की ओर से उन्हें अपने-अपने दावों को सही साबित करने के लिए सभी जरूरी प्रकाशन और दस्तावेज पेश करने को कहा गया है.

केंद्र को भी नोटिस
केंद्र सरकार को इस मामले में नोटिस मिल चुका है. हाईकोर्ट ने रजिस्टर्ड डाक के जरिए दूसरे संबंधित पक्षों को भी नोटिस जारी किए हैं. यहां बताना जरूरी है कि पद्म श्री भारत का चौथा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है. यह हर साल साहित्य, शिक्षा और पत्रकारिता जैसे अलग-अलग क्षेत्रों में बेहतरीन योगदान के लिए दिया जाता है.

प्रतिवादी का क्या तर्क
प्रतिवादी ढेंकनाल शहर के रहने वाले हैं. वह बहुत सी पाठ्यपुस्तकों के लेखक हैं. उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से पुरस्कार मिला था. केस को लेकर उन्होंने कहा कि नोटिस मिलने पर वह कोर्ट में जवाब देंगे. उन्होंने कहा,’मुझे कोर्ट केस के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. मुझे नहीं लगता कि मेरे पुरस्कार को लेकर कोई भ्रम है क्योंकि आंध्र प्रदेश के पूर्व राज्यपाल विश्व भूषण हरिचंदन और ओडिशा के बाहर के कई लोगों ने मेरे नाम की सिफारिश की थी. सरकार ने मेरे घर के पते पर सारी जानकारी भी भेजी थी.’

किसे आया होम मिनिस्ट्री से फोन
हालांकि, इस मामले में याचिकाकर्ताका अपना अलग तर्क है. याचिकाकर्ता के वकील आनंद स्वामी ने कहा कि उनके क्लाइंट को गृह मंत्रालय से बधाई का फोन आया था. वह पुरस्कार के असली हकदार हैं. याचिकाकर्ता भुवनेश्वर के टंकापानी रोड के रहने वाले हैं. अब देखने वाली बात है कि 24 फरवरी को जब मामले की सुनवाई होगी, तो अदालत क्या आदेश देता है.

First Published :

February 12, 2025, 12:37 IST

homenation

मिश्रा vs मिश्रा: एक ही नाम के दो शख्स, 1 को मिला पद्म श्री तो दूसरा पहुंचा HC

*** Disclaimer: This Article is auto-aggregated by a Rss Api Program and has not been created or edited by Nandigram Times

(Note: This is an unedited and auto-generated story from Syndicated News Rss Api. News.nandigramtimes.com Staff may not have modified or edited the content body.

Please visit the Source Website that deserves the credit and responsibility for creating this content.)

Watch Live | Source Article