Last Updated:February 12, 2025, 15:08 IST
Goat Farming Tips: ज़िले के माधोपुर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में कार्यरत, पशुपालन वैज्ञानिक डॉ जगपाल बताते हैं कि जमुनापारी को मुख्य रूप से दूध उत्पादन के पर्पस से पाला जाता है.
प्रतीकात्मक तस्वीर
हाइलाइट्स
- जमुनापारी बकरी प्रतिदिन 2.5 लीटर दूध देती है.
- यूपी, बिहार, हरियाणा में जमुनापारी बकरी पाली जाती है.
- जमुनापारी बकरी का दूध डेंगू में लाभदायक है.
पश्चिम चम्पारण. यदि आप यूपी, बिहार, राजस्थान और हरियाणा जैसे क्षेत्रों में हैं या किसी एक खास नस्ल की बकरी पालन की योजना बना रहे हैं, तो आज हम आपको बकरी की एक ऐसी नस्ल की जानकारी दे रहे हैं, जिसका पालन मांस के साथ दूध उत्पादन के लिए सबसे उत्तम माना जाता है. जानकार बताते हैं कि इस खास नस्ल की बकरी का दूध डेंगू सहित अन्य कई बीमारियों के उपचार के लिए उपयोग में लाया जाता है.
ऐसे में सिर्फ दूध के कारोबार से भी आप अच्छी कमाई कर सकते हैं. जमुनापारी के नाम से प्रसिद्ध इस खास नस्ल का पालन देश के कई राज्यों सहित दुनिया भर के कई देशों में भी किया जा रहा है.
प्रतिदिन ढाई लीटर तक दूध देने की क्षमता
ज़िले के माधोपुर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में कार्यरत, पशुपालन वैज्ञानिक डॉ जगपाल बताते हैं कि जमुनापारी को मुख्य रूप से दूध उत्पादन के पर्पस से पाला जाता है. बकरी की ये नस्ल उत्तर प्रदेश के मथुरा, इटावा और उसके आसपास के क्षेत्रों में पाई जाती है. खास बात यह है कि बिहार के किसान भी इसका पालन कर सकते हैं. ये दूध और मांस, दोनों के लिए बेहतर मानी जाती है. इसे बकरी का सबसे अच्छा नस्ल माना जाता है. लंबे कानों वाली ये बकरी प्रतिदिन 2 से 2.5 ढाई लीटर तक दूध देने की क्षमता रखती है.
यूपी, बिहार सहित कई राज्यों में पाली जाती हैं.
डॉ. जगपाल बताते हैं कि भारत में कई राज्यों में जमुनापारी बकरी का पालन बड़े स्तर पर किया जाता है. खास कर यमुना नदी के आसपास के क्षेत्रों में इन्हें खूब देखा जाता है. इनमें उत्तर प्रदेश का इटावा जिला मुख्य रूप आता है. इसके अलावा ये बकरियां बिहार, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में भी प्रमुखता से पाली जाती हैं. दूध के साथ मांस पर्पस के लिए भी जमुनापारी नस्ल की बकरी को किसानों के बेहद फायदेमंद माना जाता है.
डेंगू एवं अन्य बीमारियों में लाभदायक है दूध
जानकार बताते हैं कि जमुनापारी बकरी का दूध डेंगू सहित अन्य कई बीमारियों के उपचार में प्रयोग किया जाता है. ऊंची कद काठी के कारण इनका वजन अधिक होता है, जिसकी वजह से विदेशों में मांस के पर्पस से इनकी डिमांड अधिक होती है.
12 से 14 बच्चे देने की क्षमता
जमुनापारी का वजन सामान्य बकरियों की वजन से अधिक होता है. ये अपने पूरे जीवनकाल में 12 से 14 बच्चे दे सकती हैं. जमुनापारी बकरी का दूध स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक होता है.इस बकरी के पालन के लिए केंद्रीय अनुसंधान संस्थान में प्रशिक्षण भी दिया जाता है. बाजारों में इसकी मांस की काफी मांग रहती है.जहां तक बात इनकी कीमत की है, तो इनकी कीमत लगभग 15 से 20 हजार रुपए तक की होती है.
First Published :
February 12, 2025, 15:08 IST
जमुनापारी बना देगी आपको मालामाल! हर दिन देती 2.5 लीटर दूध, डिमांड विदेशों तक