मेरठ की कैंची की विदेशों तक डिमांड
विशाल भटनागर/मेरठ: जब भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ की बात होती है, तो अक्सर इसकी खेल सामग्री की चर्चा होती है. लेकिन मेरठ की एक और विशेष पहचान है जो सैकड़ों वर्षों से चली आ रही है, और वह है कैंची उद्योग. विश्वभर में मेरठ की कैंची की काफी मांग है, और इसे उच्च गुणवत्ता और धार के लिए जाना जाता है. लोकल-18 की टीम ने मेरठ के कारीगरों और व्यापारियों से इस प्राचीन परंपरा पर खास बातचीत की.
मेरठ के कैंची उद्योग से जुड़े शरीफ बताते हैं कि यह परंपरा 350 साल से भी अधिक पुरानी है. आखून वंशजों द्वारा कैंची बनाने की यह कला शुरू की गई थी, और तब से यह उद्योग लगातार फल-फूल रहा है. आज, हजारों लोग इस उद्योग से जुड़े हैं और यह उनकी आजीविका का मुख्य साधन बन चुका है. भले ही चीन और जापान जैसे देशों में भी कैंचियां बनाई जाती हैं, लेकिन मेरठ की कैंची अपनी धार और क्वालिटी के लिए दुनियाभर में लोकप्रिय है.
कैसे तैयार होती है कैंची?
कारीगर आजाद बताते हैं कि मेरठ की कैंची को स्प्रिंग स्टील और पुरानी गाड़ियों की कमानी पिघलाकर तैयार किया जाता है. कैंची का हैंडल पुराने पीतल, बर्तनों और एल्यूमीनियम से बनाया जाता है. एक कैंची को तैयार करने में करीब 22 कारीगरों की मेहनत लगती है. कैंची की धार से लेकर उसकी बनावट तक की हर प्रक्रिया बेहद सावधानीपूर्वक की जाती है. मेरठ की कैंची की खासियत इसकी उच्च गुणवत्ता और शिल्पकारी है, जिसे आधुनिक युग में भी कारीगर हाथों से बनाते हैं.
कैंची का कीमत 5000 रुपये तक
आजाद बताते हैं कि आखून वंशजों ने कैंची बनाने की ऐसी दस्तकारी विकसित की है कि आधुनिक मशीनें भी इस कला के आगे कमजोर पड़ जाती हैं. चीन और जापान की मशीनों से बनी कैंचियों की तुलना में मेरठ की हाथ से बनी कैंचियां कई स्तरों पर श्रेष्ठ साबित होती हैं. यहां 5 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक की कैंचियां तैयार की जाती हैं, जो विभिन्न देशों में निर्यात होती हैं.
कैंची उद्योग का करोड़ों का टर्नओवर
मेरठ के कैंची व्यापार से जुड़े शरीफ बताते हैं कि देश की आजादी के बाद, तत्कालीन सरकार के आश्वासन पर उनके पूर्वजों ने मेरठ को कैंची निर्माण के केंद्र के रूप में चुना था. तब से लेकर आज तक मेरठ का कैंची उद्योग एक विशेष स्थान बनाए हुए है. जापान, चीन, वियतनाम, अफ्रीका, अमेरिका और कई अन्य देशों में मेरठ की कैंचियों की भारी मांग है.
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FIRST PUBLISHED :
October 10, 2024, 11:47 IST