मोक्षदा एकादशी हर साल मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को होती है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस वजह से यह दिन पितरों के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है. मोक्षदा एकादशी को व्रत रखकर शुभ मुहूर्त में श्रीहरि की पूजा करें और मोक्षदा एकादशी की व्रत कथा सुनें. यदि आपके पितरों को मोक्ष नहीं मिला है या वे परेशान हैं तो आप उनके लिए मोक्षदा एकादशी का व्रत रख सकते हैं. व्रत के बाद मोक्षदा एकादशी व्रत का पुण्य उनको दान कर दें. इससे वे पापमुक्त होकर मोक्ष पा सकते हैं. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र से जानते हैं कि मोक्षदा एकादशी कब है? मोक्षदा एकादशी का शुभ मुहूर्त और पारण समय क्या है?
मोक्षदा एकादशी तारीख 2024
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस साल मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 11 दिसंबर को प्रात: 3 बजकर 42 मिनट से प्रारंभ होगी. इस तिथि का समापन 12 दिसंबर को 1 बजकर 9 एएम पर होगा. ऐसे में उदयातिथि के आधार पर मोक्षदा एकादशी का व्रत 11 दिसंबर बुधवार के दिन है. उस दिन व्रत रखकर पूजा की जाएगी.
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मोक्षदा एकादशी 2024 शुभ मुहूर्त
11 दिसंबर को मोक्षदा एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त प्रात: 05:15 ए एम से 06:09 ए एम तक है. उस दिन आप मोक्षदा एकादशी की पूजा सुबह 07:04 बजे से 11:48 बजे के बीच कर सकते हैं. व्रत के दिन लाभ-उन्नति मुहूर्त 07:04 ए एम से 08:22 ए एम तक और अमृत – सर्वोत्तम मुहूर्त 08:22 ए एम से 09:39 ए एम तक है.
वरीयान् योग और रेवती नक्षत्र में मोक्षदा एकादशी
इस साल मोक्षदा एकादशी के दिन वरियान योग और रेवती नक्षत्र का संयोग बना है. वरीयान योग सुबह से लेकर शाम 06:48 बजे तक है, उसके बाद से परिघ योग है. उस दिन रेवती नक्षत्र प्रात:काल से लेकर सुबह 11 बजकर 48 मिनट तक है. उसके बाद से अश्विनी नक्षत्र है.
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मोक्षदा एकादशी 2024 पारण समय
जो लोग मोक्षदा एकादशी का व्रत रखेंगे, उनको 12 दिसंबर को पारण के लिए 2 घंटे से अधिक का समय प्राप्त होगा. मोक्षदा एकादशी व्रत के पारण का शुभ समय सुबह 7 बजकर 5 मिनट से सुबह 9 बजकर 9 मिनट तक है. उस दिन द्वादशी तिथि के समापन का समय रात 10 बजकर 26 मिनट पर है.
मोक्षदा एकादशी व्रत का महत्व
मोक्षदा एकादशी या मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति के सभी पाप मिटते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. पौराणिक कथा के अनुसार, राजा वैखानस ने मोक्षदा एकादशी की व्रत विधि पूर्वक की तो उनके पिता को नरक से मुक्ति मिल गई थी. जब राजा की मृत्यु हुई तो उनको भी इस व्रत के पुण्य प्रताप से स्वर्ग की प्राप्ति हुई.
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FIRST PUBLISHED :
November 27, 2024, 10:18 IST