मौसम के सितम से कम हो रहा राजस्थान के राज्य वृक्ष का कुनबा, जानें औषधीय गुण

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सुखा खेजड़ी का पेड़ सुखा खेजड़ी का पेड़ 

नागौर. खेजड़ी को राजस्थान का राज्य वृक्ष का दर्जा प्राप्त है. इसे राजस्थान का गौरव माना जाता है. वर्तमान समय में राजस्थान का राज्य वृक्ष खेजड़ी का पेड़ बुरे दौर से गुजर रही है. पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रकृति में पेड़ पौधे बहुत आवश्यक हैं, ऐसे में बहुपयोगी कल्प वृक्ष खेजड़ी के यूं समय पूर्व सूख जाने से प्रकृति में कई दुष्परिणाम देखने को मिलने शुरू हो चुके हैं.

खेजड़ी को जड़ छेदक कवक व मौसमी प्रतिकूलता का सामना करना पड़ रहा है. सर्दी-गर्मी सहित तमाम प्रतिकूलता को सहन करती हुई खेजड़ी के पेड़ को जन जीवों के लिए प्राण रक्षक माना जाता है. मौसमी प्रतिकूलता के कारण खेजड़ी पर लगने वाली सांगरी भी अब गांठों (गिरडू) का रूप ले रही है. जड़ कवक के कारण तना भी धीरे-धीरे क्षीण होकर कमजोर हो जाता है फिर कुछ ही समय में कमजोर होकर सूख रहा है.

प्रकृति के लिए बहुत उपयोगी है खेजड़ी का पेड़ 
प्रकृति के तमाम प्राणियों के लिए खेजड़ी प्राण वायु प्रदाता मानी गई है. शीतल छाया के साथ ही बहुपयोगी घरेलू सामान व जलावन ईंधन के रूप में भी काम आती है. इसके फल सांगरी की सब्जी बेहद उपयोगी होती है. मवेशियों सहित गाय भैंस व अन्य पशुओं के लिए इसकी पत्तियां (लूंग) रुचिकर व स्वास्थ्यवर्धक होती हैं.

अपरदन को रोकने तथा बढ़ते मरुस्थल का ढाल बनकर सामना करने वाली खेजड़ी निरंतर सूखने के कारण अब निढाल होती नजर आ रही है. बुजुर्ग बताते हैं कि एक दौर था जब खेतों में यह छायादार रूख बहुतायत में पाया जाता था पर पिछले 50 सालों से यह वृक्ष निरंतर घट रहा है.

आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर होता है खेजड़ी का पेड़
खेजड़ी के पत्ते, छाल, फल, और फूल सभी औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं. इसकी पत्तियों का लेप त्वचा रोगों जैसे फोड़े-फुंसी, खुजली और दाद में उपयोगी है. इसके अलावा इसके फलों का सेवन पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और पेट दर्द, अपच और कब्ज में इसके बीज और फलों का उपयोग किया जाता है. खेजड़ी की छाल का काढ़ा मधुमेह के मरीजों के लिए फायदेमंद है. यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है.

इसके फलों (सांगरी) और पत्तियों में एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं, जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं. वहीं छाल और पत्तियों का काढ़ा खांसी, अस्थमा और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याओं में लाभकारी है. यह श्वसन तंत्र को साफ करता है और सूजन को कम करता है. इसका उपयोग छाल और पत्तियों को उबालकर, पत्तियों को पीसकर, सांगरी को सब्जी के रूप में होता है.

Tags: Local18, Nagaur News, Rajasthan news

FIRST PUBLISHED :

November 22, 2024, 11:06 IST

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