Agency:News18 Rajasthan
Last Updated:February 07, 2025, 22:42 IST
Alwar News: अलवर जिले में एक बार फिर मौसम बदल गया. जहां दिन का तापमान बढ़ने से फसलों को नुकसान होने की संभावना है. गेहूं की फसल के लिए दिन का तापमान 20 से 25 डिग्री, चना की फसल के लिए 24 से 30 डिग्री, जौ की फसल...और पढ़ें
खेत में खड़ी सरसों की फसल
Alwar News: अलवर जिले में एक बार फिर मौसम बदल गया. जहां दिन का तापमान बढ़ने से फसलों को नुकसान होने की संभावना है. गेहूं की फसल के लिए दिन का तापमान 20 से 25 डिग्री, चना की फसल के लिए 24 से 30 डिग्री, जौ की फसल के लिए तापमान 25 से 30 डिग्री और सरसों की फसल के लिए तापमान 15 से 25 डिग्री के बीच होना चाहिए. तापमान में वृद्धि होने से सरसों और गेहूं के फसल को नुकसान हो सकता है. किशनगढ़ बास, खैरथल, कोटकासिम सहित अन्य ग्रामीण इलाके में दिन का तापमान बढ़ रहा है.
किशनगढ़ बास सहायक कृषि अधिकारी राजेंद्र बसवाल ने बताया कि इलाके में जलवायु परिवर्तन के कारण दिन का तापमान बढ़ रहा है. जब किसी फ़सल पर ज़्यादा तापमान होने की वजह से वह समय से पहले पक जाती है, तो इसे फ़ोर्स मेच्योरिटी कहते हैं. इससे फ़सल की गुणवत्ता और उत्पादन में नुकसान हो सकता है. जिसके कारण दाने की क्वालिटी कमजोर होने से सरसों में सरसो के दानों में तेल की मात्रा कम हो जाती है. इसके अलावा गेंहू के दाने पूरी तरह से मेच्योरिटी नहीं हो पाते हैं.
किसानों को अगर फसल पर हाई टेंपरेचर से ज्यादा असर पड़ता दिखाई दे रहा है तो फसल में थाई यूरिया व सल्फ़्यूरिक एसिड (sulfuric acid) का प्वाइंट वन परसेंट का स्प्रे करा सकते हैं ताकि टेंपरेचर फसल को शीतलन प्रभाव (cooling effect) देगा. इससे फसल की गुणवत्ता में सुधार होगा. जिले में दिन में तेज धूप निकलने से ज़्यादा तापमान की वजह से गेहूं, मूंग-उड़द, सब्ज़ियां, और हरा चारा जैसी फ़सलों पर असर पड़ता है.
Location :
Alwar,Rajasthan
First Published :
February 07, 2025, 22:42 IST
मौसम साफ और तापमान अधिक बढ़ने से सरसों और गेहूं की फसल को हो सकता है नुकसान