रामपुर: यूपी में रामपुर की रज़ा लाइब्रेरी एशिया की सबसे बड़ी और ऐतिहासिक लाइब्रेरी मानी जाती है. यह अपने अद्वितीय संग्रह के लिए भी प्रसिद्ध है. यहां न केवल दुर्लभ पांडुलिपियां और पुस्तकें हैं, बल्कि इस लाइब्रेरी में मुगलकालीन सिक्कों का भी एक ख़ास खजाना मौजूद है. ये सिक्के न सिर्फ ऐतिहासिक धरोहर के प्रतीक हैं, बल्कि रामपुर की शाही विरासत को भी जीवंत बनाते हैं.
जानें मुगलकालीन सिक्कों का महत्व
रामपुर की रज़ा लाइब्रेरी में संग्रहित ये मुगलकालीन सिक्कों में शाहजहां, शाह आलम, मोहम्मद शाह और अहमद शाह बहादुर के समय में प्रचलित सिक्के शामिल हैं. इसके साथ ही ये सिक्के भारतीय इतिहास के विभिन्न पहलुओं की झलक पेश करते हैं. इन सिक्कों की खास बात यह है कि इनमें मुगल शासन के दौर में वित्तीय प्रणाली और टकसाल की कला के विकास की झलक देखने को मिलती है.
ये सिक्के हैं ख़ास
लाइब्रेरी के इन सिक्कों की बनावट, उन पर उकेरी गई इबारत और उनके निर्माण की प्रक्रिया रामपुर की ऐतिहासिक धरोहर का हिस्सा हैं. रामपुर रज़ा लाइब्रेरी के संग्रह में मौजूद सिक्कों का अध्ययन करने पर पता चलता है कि मुगल बादशाहों ने सिक्कों पर न सिर्फ इस्लामिक लेखों और प्रतीकों को बल्कि इसके अलावा भारतीय कला और संस्कृति को भी उकेरा है.
इस लाइब्रेरी में संग्रहित सबसे ख़ास सिक्कों में शाहजहां के शासनकाल के सिक्के शामिल हैं. इन सिक्कों पर लिखी गई इबारत और उनकी बनावट न सिर्फ मुगलकालीन कला की परिपक्वता को दर्शाती है, बल्कि रामपुर के इतिहास के साथ भी गहराई से जुड़ी हुई है. शाहजहां के दौर के इन सिक्कों की अद्भुत डिजाइन और टकसाल के नाम से यह पता चलता है कि रामपुर उस समय भी आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से एक महत्वपूर्ण स्थान था.
ये सिक्के हैं शाही परंपराओं के गवाह
रामपुर रज़ा लाइब्रेरी में संग्रहित शाह आलम, मोहम्मद शाह और अहमद शाह बहादुर के सिक्कों का संग्रह भी इतिहास प्रेमियों के लिए एक बड़ी धरोहर है. इन सिक्कों पर उकेरे गए शब्द और टकसाल की मोहरें न केवल मुगलकालीन वित्तीय प्रणाली को बल्कि रामपुर की शाही परंपराओं और सांस्कृतिक धरोहर को भी दर्शाती है.
ये हैं अनमोल धरोहर
रामपुर की रज़ा लाइब्रेरी का यह मुगलकालीन सिक्कों का संग्रह न केवल शोधकर्ताओं के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि उन सभी के लिए भी एक अनमोल धरोहर है। रामपुर की शाही विरासत और भारतीय इतिहास की गहराई को समझना चाहते हैं. लाइब्रेरी में मौजूद करीब 1500 सिक्कों का यह अद्भुत संग्रह रामपुर की ऐतिहासिक धरोहर को जीवंत बनाता है और आने वाली पीढ़ियों के लिए गर्व का प्रतीक है.
रामपुर रज़ा लाइब्रेरी में मुगलकालीन सिक्कों का यह खजाना, रामपुर की सांस्कृतिक विरासत और शाही इतिहास का प्रमाण है. ये सिक्के न केवल इस शहर की पहचान को मजबूती देता है. इसे भारत के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक मानचित्र पर एक विशेष स्थान भी प्रदान करता है.
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FIRST PUBLISHED :
October 21, 2024, 16:09 IST