Last Updated:January 30, 2025, 13:44 IST
UCC successful Uttarakhand : यूसीसी लागू हुए अभी दो दिन हुए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद यूसीसी को जरूरी बता चुके हैं, लेकिन मुस्लिम पर्सनल लॉ मानने वाले संगठनों से लेकर लिव इन रिलेशन का विरोध करने वाले कोर्ट का ...और पढ़ें
देहरादून : उत्तराखंड में उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू हो चुकी है. इस कानून को लेकर प्रदेश में सवाल से लेकर सियायत जारी है. जहां लोग अभी लोग कानून पर खुलकर कुछ नहीं बोल रहे हैं, वहीं विपक्ष पुष्कर सिंह धामी सरकार पर पूरी तरह से हमलावर है और सवाल उठा रही है. ऐसे में राज्य सरकार ने भी उठती आवाजों के बीच UCC पर शिकायतों के लिए एक कमेटी बनाने की तैयारी है, ताकि यूसीसी के कुछ बिंदुओं पर पैदा होने वाले कन्फ्यूजन और प्रॉब्लम को दूर किया जा सके. आइये जानते हैं, इसके बारे में..
दरअसल, उत्तराखंड 27 जनवरी को यूनिफॉर्म सिविल कोड यानि यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया. इस नए कानून को तैयार करने में करीब ढाई साल का वक्त लगा, तो देश में मिसाल बने यूसीसी को लेकर कई सवाल अलग-अलग लेवल पर उठ रहे हैं. कई मुस्लिम संगठन शरीयत को इससे बढ़कर मानते हैं तो लिव इन रिलेशनशिप को मान्यता देने की बात पर भी सवाल उठ रहे हैं.
खबर है कि सवालों और शिकायतों को सुनने के लिए एक कमेटी बनाने की तैयारी है. कमेटी शिकायतों और सवालों का जवाब खोजने के लिए काम करेगी, ताकि यूसीसी से उन्हें दूर किया जा सके.
यूनिफॉर्म सिविल कोड को विपक्ष संविधान के खिलाफ बता रहा है तो उत्तराखंड में लागू होने के ठीक दूसरे दिन प्रधानमंत्री ने देवभूमि से यूसीसी को देश के लिए जरूरी बताया. वहीं सरकार का कहना है कि कुछ लोग बेमतलब के विरोध की बात कर रहे हैं, जबकि कई मुस्लिम देशों तक में यूसीसी लागू है.. ऐसे में सुझाव और शिकायत तो सही है, लेकिन सियायत करने वालों को नुकसान होगा.
यूसीसी लागू हुए अभी दो दिन हुए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद यूसीसी को जरूरी बता चुके हैं, लेकिन मुस्लिम पर्सनल लॉ मानने वाले संगठनों से लेकर लिव इन रिलेशन का विरोध करने वाले कोर्ट का रुख कर सकते हैं. ऐसे में सरकार शिकायत कमेटी बनाकर पहले ही अपना काम आसान करना चाहती है.
First Published :
January 30, 2025, 13:44 IST
यूसीसी में जरूरत के मुताबिक होंगे बदलाव? सरकार के इस कदम पर सबकी नजर