रतन टाटा का जाना... एक युग का अंत! खरगोन की जनता बोली- चला गया गरीबों का मसीहा

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खरगोन

खरगोन की जतना ने रतन टाटा को बताया गरीबों का मसीहा.

खरगोन. भारत समेत पूरे विश्व में शोक की लहर है. देश ने एक महान उद्योगपति और समाजसेवी रतन नवल टाटा को खो दिया है. बुधवार रात मुंबई के एक अस्पताल में 86 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया. रतन टाटा टाटा संस के मानद चेयरमैन थे, जिन्हें उनकी दरियादिली और समाज के प्रति सेवा के लिए जाना जाता था.

खरगोन के लोगों ने भी उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया और उनके योगदान को याद किया. रतन टाटा के पार्थिव शरीर को गुरुवार को नरीमन प्वाइंट स्थित नेशनल सेंटर फॉर परफार्मिंग आर्ट्स में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था. वहां हज़ारों लोगों ने पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी. शाम को वर्ली श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार हुआ.

खरगोन की जनता की भावनाएं  
लोकल 18 से बातचीत में खरगोन के वरिष्ठ पत्रकार उमेश रेवलिया ने कहा, रतन टाटा का जाना देश के लिए अपूरणीय क्षति है. वह सिर्फ एक उद्योगपति नहीं, बल्कि एक महान समाजसेवी थे, जिन्होंने गरीबों के लिए बहुत काम किया. उनका योगदान देश के इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा.

मिडिल क्लास का सपना पूरा किया
खरगोन के स्थानीय निवासी भारत यादव ने कहा, रतन टाटा एक ऐसे उद्योगपति थे, जिन्होंने न केवल व्यापार में बल्कि सामाजिक कार्यों में भी बड़ा योगदान दिया. नैनो कार जैसी पहल से उन्होंने मिडिल क्लास परिवारों का सपना पूरा किया. उनकी दूरदृष्टि और समाज के प्रति संवेदनशीलता उन्हें औरों से अलग बनाती थी.

समाज सेवा में अग्रणी  
रतन टाटा सिर्फ उद्योग जगत के लिए नहीं, बल्कि समाजसेवा में भी अपनी छाप छोड़ गए हैं. एडवोकेट गोविंद खेड़े ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा, रतन टाटा का नाम सिर्फ भारत में ही नहीं, दुनिया के लगभग 100 देशों में लिया जाता है. आज हमने एक महान व्यक्तित्व को खो दिया है. उनके जाने से उद्योग जगत में जो क्षति हुई है, वह कभी पूरी नहीं हो पाएगी.

एनजीओ से गरीबों की मदद  
खरगोन के कई लोगों ने रतन टाटा की कई कंपनियों से एनजीओ को फंड मिलता था और उन्हीं एनजीओ के माध्यम से गरीबों के लिए किए गए कामों को भी याद किया. बीजी जोशी ने कहा, रतन टाटा गरीबों के लिए मसीहा थे. उनके एनजीओ ने शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में कई लोगों की मदद की है. अब उनके जाने के बाद अगर इन एनजीओ को फंडिंग बंद हो जाती है, तो यह गरीबों के लिए एक बड़ा झटका होगा. लोगों को मानना है कि रतन टाटा का निधन एक युग का अंत है, लेकिन उनकी समाज सेवा और देश के प्रति योगदान की विरासत सदैव जीवित रहेगी.

Tags: Local18, Public Opinion, Ratan tata

FIRST PUBLISHED :

October 10, 2024, 23:25 IST

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