नई दिल्ली/रांची. झारखंड विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन ने प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की है. झारखंड में हेमंत सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के साथ विधानसभा चुनाव लड़ा था. विपक्षी बीजेपी से कड़ी चुनौती मिलने की बात कही जा रही थी. हालांकि, चुनाव परिणाम में झमुमो की अगुआई वाला गठबंधन स्पष्ट बहुमत के साथ झारखंड में वापसी करने में सफल रहा. हेमंत सोरेन ने लगातार दूसरी बार झारखंड के मुख्यमंत्री के तौर पर गुरुवार को शपथ लिया. इस मौके पर विपक्षी इंडिया ब्लॉक के तमाम दिग्गज नेता मौजूद रहे.
हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण समारोह में राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी खेमे ने एक तरह से शक्ति प्रदर्शन किया. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ ही राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, डीके शिवकुमार, अखिलेश यादव, अरविंद केजरीवाल, भगवंत मान, उदयनिधि मारन जैसे दिग्गज नेताओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन और अरविंद केजरीवल की पत्नी सुनीता केजरीवाल भी मंच पर मौजूद रहीं. दिलचस्प बात यह है कि शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे नदारद रहे. हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण समारोह को विपक्षी दलों की एकता के प्रदर्शन के तौर पर भी देखा ज रहा है.
राहुल के साथ कल्पना तो ममता के साथ सुनीता केजरीवाल
मंच पर विपक्षी राजनीति की झलक भी देखने को मिली. हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने विधानसभा चुनाव जीतकर राजनीति में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है. कल्पना सोरेन कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के बगल में बैठी दिखीं. दिलचस्प बात यह है कि उनसे पहले राहुल के बगल में कर्नाटक के डिप्टी सीएम शिवकुमार बैठे हुए थे. कल्पना के मंच पर आते ही उन्होंने यह सीट उनके लिए खााली कर दी. राहुल के बगल में ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे बैठे हुए थे. खरगे के साथ खुद हेमंत सोरेन विराजमान थे. हालांकि, हेमंत के मंच पर कांग्रेस और ममता बनर्जी के बीच मनमुटाव स्पष्ट तौर पर दिखा. बंगाल की सीएम ममता बनर्जी राहुल गांधी और खरगे से काफी हटकर बैठी थीं. उनके बगल में सुनीता केजरीवाल थीं. बता दें कि अरविंद केजरीवाल जब जेल में बंद थे तो उस वक्त ममता ने सुनीता से मुलाकात कर हमेशा उनके साथ खड़े रहने की बात कही थी.
अखिलेश-अरविंद केजरीवाल साथ
हेमंत सोरेन के मंच का दूसरा फ्रेम भी कम महत्वपूर्ण नहीं है. इसमें दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को साथ में देखा जा सकता है. दोनों के बीच लंबी गुफ्तगू भी हुई. महत्वपूर्ण है कि दिल्ली में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है. अखिलेश के बगल में ही आरजेडी नेता और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव विराजमान थे. इसे महज संयोग ही कहा ज सकता है कि बिहार में भी अगले साल ही विधानसभा चुनाव होने हैं. भविष्य में यह देखना दिलचस्प होगा कि विपक्षी दलों की यह एकता क्या रंग लाती है.
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FIRST PUBLISHED :
November 28, 2024, 20:04 IST