रेजिन कला का नया आयाम, देहरादून की नेहा ने ग्रीक कला को दिया भारतीय स्वरूप!

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इंडियन टच देकर रेजिन आर्ट्स से वस्तुओं में चार चांद लगा देती है नेहा अग्रवाल

देहरादून: भारत में कई परंपरागत कलाओं को लोग आज भी कर रहे हैं, लेकिन ग्लोबल विलेज की अवधारणा के साथ लोगों ने दूसरे देशों की चित्रकलाओं में भी महारथ हासिल कर ली है. ग्रीस में जन्मी रेजिन आर्ट को अब भारत में भी बेहतरीन ढंग से पेश किया जा रहा है, जिसका एक अच्छा उदाहरण नेहा अग्रवाल की पेंटिंग्स और आर्ट्स हैं. नेहा ग्रीस की इस आर्ट को भारतीय टच के साथ परोस रही हैं.

नेहा अग्रवाल की कला यात्रा
लोकल 18 से बातचीत में नेहा अग्रवाल ने बताया कि उन्हें आर्ट्स में काफी दिलचस्पी रही है. उन्होंने रेजिन आर्ट्स को प्रोफेशनली सीखा और लोगों को वह सिखाने का काम भी करती हैं. रेजिन आर्ट एक ऐसी विधा है, जिसमें एक केमिकल लिक्विड को लेकर उसे फैलाया जाता है, जिसके बाद वह एक अच्छा रूप लेती है और उसे ही सजाया जाता है. उन्होंने बताया कि वह रेजिन आर्ट से दीवार घड़ी, डाइनिंग टेबल, स्टूल, पेटीएम स्कैनर सहित भगवान की पेंटिंग्स आदि तैयार कर देती हैं. ये देखने में बहुत ही सुंदर लगते हैं और इनकी खास बात यह है कि यह जल्दी नहीं टूटते हैं और सालों साल इनकी शाइन बरकरार रहती है. नेहा की क्रिएटिविटी देखकर लोग हैरान हो जाते हैं क्योंकि वह रेजिन आर्ट से दिवाली के लिए कैंडल, मूर्तियां, ज्वेलरी, पूजा थाली आदि भी बना रही हैं. वह फूल और पत्तियों को सुखाकर नेचुरल चीजों और रेजिन आर्ट से बेहतरीन उत्पाद बना रही हैं.

उन्होंने बताया कि ग्रीस की रेजिन आर्ट को अब इंडिया में भी काफी ज्यादा किया जाने लगा है क्योंकि हमारे त्योहार आने वाले हैं. ऐसे में मैंने सोचा कि क्यों न भारतीय संस्कृति की झलक इसमें दिखाई जाए. उन्होंने शुभ-लाभ, लक्ष्मी जी का मंत्र, लाइट्स, डोर हैंगिग्स, वॉल हैंगिग्स समेत कई वस्तुएं तैयार की हैं. इन उत्पादों को रेजिन से बनकर सेट होने में 8 घंटे से 24 घंटे का वक्त लगता है. वह नेचुरल वस्तुओं का उपयोग कर रही हैं.

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रेजिन आर्ट में धैर्य और अनुभव की जरूरत
नेहा बताती हैं कि रेजिन आर्ट में धैर्य और अनुभव की जरूरत है, क्योंकि हर व्यक्ति इसे परफेक्ट तरीके से नहीं कर सकता है. इसे सीखने में भी काफी वक्त लगता है. उन्होंने कहा कि लिक्विड जब फैलाया जाता है, तो वह किसी भी फॉर्म में आ सकता है, इसलिए धैर्य रखना जरूरी है. सेट होने के बाद उसमें कलाकारी करके सुंदर बनाने में आर्टिस्ट का अनुभव काम आता है. उन्होंने कहा कि यह कला भारत में धीरे-धीरे पसंद तो की जा रही है, लेकिन इसका सामान बड़ी मुश्किल से उपलब्ध होता है. अगर आप भी रेजिन आर्ट की घड़ी, टेबल, चैन या लाइट्स सहित कोई सामान लेना चाहते हैं, तो देहरादून के परेड ग्राउंड में स्रोत महोत्सव आ सकते हैं, जहां आपको नेहा का कई तरह का बेहतरीन सामान मिल जाएगा, जिनकी कीमत 150 रुपये से शुरू होती है.

Tags: Dehradun news, Local18, Special Project, Uttarakhand news

FIRST PUBLISHED :

October 6, 2024, 13:20 IST

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