लड्‌डू गोपाल को भूलकर भी बासी तुलसी की पत्तियां न चढ़ाएं, जानें नियम

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Tulsi leaves successful Laddu Gopal puja: भगवान श्रीकृष्ण के बहुत सारे भक्त उनके बाल स्वरूप लड्‌डू गोपाल (Laddu Gopal) की पूजा करते हैं. वे अपने घर में लड्‌डू गोपाल की देखभाल बच्चे की तरह करते हैं और विधि-विधान से उनकी पूजा अर्चना करते हैं. भक्ति के इस रूप में वात्सल्य धर्म की प्रधानता होती है. हालांकि कान्हा जी के इस रूप की पूजा के भी कई नियम हैं जिनका पालन करना जरूरी होता है. हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को बहुत पवित्र माना जाता है और तुलसी की पत्तियों का उपयोग पूजा पाठ में किया जाता है. भगवान विष्णु को तुलसी अति प्रिय है इसलिए उनके हर रूप की पूजा में तुलसी के पत्ते जरूर शामिल किए जाते हैं. भगवान श्रीकृष्ण की पूजा में तुलसी के पत्तों (Tulsi leaves) को जरूर शामिल किया जाता है. लड्‌डू गोपाल की पूजा में तुलसी के पत्तों (Tulsi leaves successful Laddu Gopal puja) का उपयोग करना जरूरी माना जाता है. हालांकि लड्‌डू गोपाल की पूजा में तुलसी के पत्तों के उपयोग से जुड़े कुछ नियम हैं जिनका पालन जरूर करना चाहिए. आइए जानते हैं...

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लड्‌डू गोपाल की पूजा में तुलसी के पत्तों का उपयोग करते समय रखें इन बातों का ध्यान - Tulsi leaves successful Laddu Gopal puja

बासी पत्तियों का उपयोग नहीं

धार्मिक मान्यता के अनुसार लड्‌डू गोपाल की पूजा में तुलसी की बासी पत्तियों का उपयोग बिलकुल नहीं करना चाहिए. इसके साथ ही यह भी ध्यान रखना चाहिए कि पत्तियां सूखी और कटी फटी न हों. ऐसी पत्तियों का पूजा में उपयोग करना शुभ नहीं माना जाता है.

इस दिन कर सकते हैं पहले से तोड़ी पत्तियों का उपयोग

कुछ दिन ऐसे होते हैं जब तुलसी की पत्तियों को तोड़ने की मनाही होती है. ऐसे समय में पहले से तोड़ी तुलसी की पत्तियों का उपयोग कान्हा की पूजा के लिए करने से कोई दोष नहीं लगता है. रविवार और एकादशी के दिन तुलसी की पत्तियों को तोड़ना वर्जित माना जाता है. इस दिन पूजा के लिए पहले से पत्तियां तोड़ कर रखी जा सकती हैं.

ऐसे करें पहले तोड़ी पत्तियों का उपयोग

लड्‌डू गोपाल की रविवार और एकादशी के दिन पूजा के लिए तुलसी की पत्तियां एक दिन पहले तोड़कर उन्हें पानी में भिगोकर रखना चाहिए. इस तरह से रखने से पत्तियां सूखती नहीं हैं और पूजा में उपयोग के लायक रहती हैं.

कब तोड़ें तुलसी की पत्तियां

लड्‌डू गोपाल की रविवार और एकादशी के दिन पूजा के लिए तुलसी की पत्तियां एक दिन पहले शाम को तोड़नी चाहिए. तोड़ी हुई पत्तियों को तांबे के लोटे में जल भर भी उसमें डालकर भी रखा जा सकता है.

ऐसी पत्तियों का उपयोग ठीक नहीं

एक दिन पहले तोड़ी हुई पत्तियां सूख जाए तो उन्हें अगले दिन पूजा के लिए उपयोग में नहीं लाना चाहिए. ऐसी पत्तियां लड्‌डू गोपाल का स्वीकार्य नहीं होती हैं.

भोग में जरूर डालें तुलसी की पत्तियां

लड्‌डू गोपाल की पूजा अर्चना में भोग का बहुत महत्व होता है और उन्हें हर दिन चार बार भोग लगाना जरूरी होता है. लड्डू गोपाल को अर्पित किए जाने वाले हर भोग में तुलसी की पत्तियां जरूर डालनी चाहिए. माना जाता है कि भगवान विष्णु को तुलसी अति प्रिय है और वे तुलसी के पत्तों के बगैर भोग स्वीकार नहीं करते हैं. भगवान विष्णु के हर रूप के साथ भी यह नियम लागू होता है.

जरूर रखें इन बातों का ध्यान

लड्डू गोपाल की पूजा और सेवा करने वाले भक्तों को उनकी पूजा और भोग के दौरान इन नियमों का हमेशा ध्यान रखना चाहिए. मान्यता है कि पूजा के नियमों का पालन करने से ही पूजा का पूरा लाभ प्राप्त होता है और भगवान की कृपा प्राप्त होती है.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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