फाइल फोटो
दिल्ली: सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल जहां आज बच्चों पर बुरा असर डाल रहा है, तो वहीं, इसी सोशल मीडिया का सही इस्तेमाल करके दिल्ली की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट खोए हुए बच्चों का पता लगाने में कामयाबी हासिल कर रही है. दिल्ली की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट टेक्नोलॉजी और सोशल मीडिया के जरिए खोए हुए बच्चों का आसानी से पता लगा रही है. यही वजह है कि पिछले 9 महीने के दौरान 104 बच्चों को सफलतापूर्वक खोजा जा चुका है और उनको उनके परिवार के पास पहुंचाया भी जा चुका है.
आखिर किस तरह सोशल मीडिया खोए हुए बच्चों का पता लगा रहा है. यही जानने के लिए जब लोकल18 की टीम ने एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के इंस्पेक्टर प्रमोद तोमर से बात की, तो उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर कुछ बच्चे पुलिस का पेज देखकर वहां संपर्क करते हैं, क्योंकि आजकल बच्चा-बच्चा मोबाइल चला रहा है. साथ ही रह एक बच्चा सोशल मीडिया पर अपना अकाउंट बना रहा है. वहां से वह लोकेशन भेजते हैं, जिससे उससे संपर्क करना आसान हो जाता है.
इस तरह सोशल मीडिया कर रहा मदद
एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के इंस्पेक्टर ने बताया कि इसके अलावा सोशल मीडिया पर तमाम सोशल वर्कर और तमाम कंटेंट क्रिएटर भी लोगों की मदद करते हुए की वीडियो डालते हैं, जिसमें कई बच्चों के भी वो वीडियो डालते हैं. उसमें बताते हैं कि यह बच्चा खो गया है. इनको इनके घर तक पहुंचाया जाए. तब उन्हीं लोगों से संपर्क करके उस बच्चे तक पहुंचा जाता है. इसके बाद उससे उसके घर का पता पूछकर या आस-पास की लोकेशन पूछकर उसको उसके अपनों तक पहुंचाया जाता है.
उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया खोए हुए बच्चों की तलाश करने में पुलिस की काफी मदद कर रहा है. क्योंकि आजकल चारों ओर तमाम तरह के वीडियो पड़े हुए हैं, उन्हीं से उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली तक के बच्चे की लोकेशन ट्रेस करना आसान हो जाता है.
जारी रहेगा अभियान
इंस्पेक्टर प्रमोद तोमर ने बताया कि यह अभियान जारी रहेगा, जिसके जरिए खोए हुए बच्चों को उनके माता-पिता तक पुलिस पहुंचाती रहेगी. पुलिस कोशिश कर रही है कि ज्यादा से ज्यादा बच्चों की लोकेशन ट्रेस कर सके और उनको उनके परिवार के पास पहुंच सके. इसीलिए 24/7 काम करके बच्चों की लोकेशन ट्रेस की जा रही है.
Tags: Delhi Crime, Delhi news, Delhi police, Local18
FIRST PUBLISHED :
November 28, 2024, 12:28 IST