डॉ हरिसिंह गौर
सागर सपूत, महान दानवीर, कानूनविद, शिक्षाविद डॉ. हरीसिंह गौर को भारत रत्न दिलाने की मांग लंबे समय से की जा रही है. डॉ हरिसिंह गौर दिल्ली यूनिवर्सिटी के पहले कुलपति रहे हैं. नागपुर यूनिवर्सिटी के दूसरे कुलपति रहे हैं. अविभाजित मध्य प्रदेश में पहले विश्वविद्यालय की स्थापना करने वाले महान शख्सियत है. शिक्षा के लिए अपना सर्वस्व अर्पण करने वाले व्यक्तित्व है.
महालक्ष्मी और मां सरस्वती के पुत्र, 26 नवंबर को उनकी 155 जन्म जयंती को लेकर भव्य तैयारियां की गई है. एक बार फिर भारत रत्न दिए जाने की मांग तेज हो गई है. इसको लेकर स्कूल कॉलेज से लेकर तमाम जगहों पर पोस्टकार्ड अभियान चलाए जा रहे हैं. हस्ताक्षर अभियान चलाए जा रहे हैं. मानव श्रृंखलाएं बनाई जा रही हैं, विश्वविद्यालय के द्वारा भी भारत रत्न देने प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार के लिए भेजा गया है.
हरि सिंह गौर को मिलें भारत रत्न
सागर सहित पूरे बुंदेलखंड की जनता इस समय एक ही मांग कर रही है. डॉक्टर सर हरि सिंह गौर को भारत रत्न दिया जाना चाहिए. सागर में सबसे पहले साल 2006 में विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर डीप सिंह के कार्यकाल में 60 पेज का प्रस्ताव बनाकर भेजा गया था.डॉक्टर हरि सिंह गौर को भारत रत्न दिए जाने की मांग पर सागर की जनता क्या कहती है इसको लेकर जानते हैं, अमन सिंह ने बताया कि संविधान निर्माता डॉक्टर हरिसिंह गौर संविधान सभा के सदस्य थे ऐसे महान गौर के लिए भारत रत्न मिलना ही चाहिए.
लाखों छात्रों का बनाया जीवन
विकास सिंह ने कहा कि डॉक्टर गौर के द्वारा स्थापित विश्वविद्यालय से पढ़ने वाले छात्र देश में ही नहीं विदेश में भी नाम कमा रहे हैं. सागर के नाम को पहचान दिला रहे हैं. हजारों लाखों छात्रों का जीवन बनाने वाले ऐसे गौर के लिए भारत रत्न मिलना ही चाहिए.सोनिया रैकवार का कहना है कि डॉक्टर गौर ने जिंदगी भर पाई पाई जोड़कर पूंजी जमा की थी वह चाहते तो अपनी बेटियों को दे सकते थे. लेकिन उन्होंने बुंदेलखंड जैसे पिछड़े क्षेत्र में शिक्षा की अलग जगाने अपनी सारी संपत्ति दान कर मध्य प्रदेश के पहले विश्वविद्यालय की स्थापना कर दी थी. आज लाखों छात्रों का जीवन उनकी वजह से सही राह पर है.
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FIRST PUBLISHED :
November 25, 2024, 16:58 IST