पूजा-पाठ कोई भी हो, भगवान को इंसान अपनी परिस्थिति के हिसाब से भोग लगाता है. आमतौर पर ये मिठाई-दही, फल और कुछ खास पकवान होते हैं. हाद में इसी भोग को प्रसाद के रूप में लोगों को बांटा जाता है. आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताएंगे, जहां माता को अलग ही किस्म का भोग लगता है, जो आपने कभी नहीं सुना होगा.
हमारे देश में आस्था से ऊपर कुछ भी नहीं है. ईश्वर की पूजा भी लोग अपने हिसाब से करते हैं और उन्हें अपनी ही तरह मानकर वही भोग चढ़ाते हैं, जो खुद खाते हैं. हालांकि आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताएंगे, जहां माता को इन सबसे अलग चाइनीज़ खाने का भोग लगता है.
माता को चढ़ता है चाइनीज़ खाना
ये खास मंदिर बंगाल की राजधानी कोलकाता में तांग्रा नाम की जगह पर मौजूद है. इसे चाइना टाउन भी कहा जाता है. दरअसल 1930 में चीनी कोल्ड वॉर के दौरान कुछ लोग यहां आकर रहने लगे थे. जीविका के लिए उन्होंने खाने-पीने की चीज़ें बेचनी शुरू की और इंडो चाइनीज़ क्यूज़ीन यहां मशहूर हो गया. चूंकि इस जगह पर काली माता का एक मंदिर भी है, ऐसे में उन्हें भी भक्तों ने नूडल्स, चॉप्सी और फ्राइड राइस जैसे चाइनीज़ खाने का भोग लगाना शुरू कर दिया. सुबह और शाम की पूजा के दौरान उन्हें चाइनीज़ फूड ही चढ़ाया जाता है.
60 साल पुराना है ये मंदिर
काली माता का ये मंदिर 60 साल पुराना है, जिसे हिंदी-चीनी संस्कृति के मेल के उदाहरण मानते थे. कहा ये भी जाता है कि एक चाइनीज़ बच्चे की तबियत खराब थी और उसे यहां मौजूद एक पेड़ के नीचे लिटाया गया. इसके बाद बच्चा चमत्कारिक तौर पर सही हो गया और इसी जगह पर काली माता का मंदिर बन गया. इस मंदिर के बारे में लोगों को तब पता चला जब World Of Kolkata नाम के फेसबुक पेज से इस मंदिर के बारे में साल 2018 में ही जानकारी दी गई थी. इसके अलावा tourmyindia.com नाम की वेबससाइट पर भी इस काली मंदिर के बारे में बताया गया.
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FIRST PUBLISHED :
October 3, 2024, 11:56 IST