मुस्लिमों से जबरन मजदूरी करवा रहा ये देश, 'भारत का दोस्त' भड़का, लगाया बैन

2 hours ago 2

अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक रिश्तों में एक नई चुनौती खड़ी हो गई है. हाल ही में, अमेरिकी सरकार ने चीन के दो बड़े उद्योगों से आने वाले सामानों पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया है. इन कंपनियों पर जबरन मजदूरी के इस्तेमाल का आरोप है. खासकर शिनजियांग क्षेत्र में, जहां उइगर मुसलमानों पर अत्याचार की खबरें पहले भी आ चुकी हैं. इस प्रतिबंध का असर दोनों देशों के व्यापार पर गहरा हो सकता है.

अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने बुधवार को घोषणा की कि वह चीन के एक स्टील निर्माता और एक आर्टिफिशियल स्वीटनर बनाने वाली कंपनी से आयात होने वाली वस्तुओं पर प्रतिबंध लगाएगा. इन दोनों कंपनियों पर आरोप है कि वे चीन के दूर-पश्चिमी क्षेत्र शिनजियांग में लोगों से जबरन मजदूरी करवा रही हैं. यह कदम अमेरिका के उस व्यापक प्रयास का हिस्सा है, जिसके तहत मानवाधिकारों के उल्लंघन से जुड़े उत्पादों को देश में प्रवेश से रोका जा रहा है.

अमेरिका ने दोहराया अपना संकल्प
इस नए कदम में अमेरिका के उइगर फोर्स्ड लेबर प्रोटेक्शन एक्ट (Uyghur Forced Labor Prevention Act) के तहत पहली बार किसी चीनी स्टील कंपनी और आर्टिफिशियल स्वीटनर बिजनेस को निशाना बनाया गया है. यह कानून उन कंपनियों को निशाने पर लेता है जो उइगर और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यक समूहों के साथ हुए मानवाधिकार उल्लंघनों से जुड़े हो सकते हैं.

ये भी पढ़ें – अमेरिका को तबाह कर देगा चीन! इसी डर से लिया बड़ा फैसला, कर दिया ड्रैगन की पूंछ पर प्रहार

होमलैंड सिक्योरिटी के पॉलिसी अंडरसेक्रेटरी रॉबर्ट सिल्वर्स ने कहा, “आज के निर्णय हमारे इस संकल्प को दोहराते हैं कि हम अमेरिकी सप्लाई चेन से जबरन मजदूरी को खत्म करने और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं.” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कोई भी क्षेत्र इस कार्रवाई से अछूता नहीं है.

इस संघीय कानून पर राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 2021 के अंत में साइन किए थे. उसके बाद बीजिंग द्वारा शिनजियांग क्षेत्र में उइगर और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ मानवाधिकार उल्लंघनों के आरोपों के बाद इसे लागू किया गया.

चीन ने कहा, यह आतंक से लड़ने की नीति
हालांकि, चीनी सरकार ने इन आरोपों को झूठा बताया और अपने क्षेत्रीय नीतियों को आतंकवाद से लड़ने और स्थिरता बनाए रखने का हिस्सा बताया. यह नया कदम अमेरिका और चीन के व्यापारिक रिश्तों में राष्ट्रीय सुरक्षा और मानवाधिकारों को प्राथमिकता देने की दिशा में बदलाव का प्रतीक है. चीन ने अमेरिका पर आरोप लगाया है कि वह मानवाधिकारों का बहाना बनाकर चीन की आर्थिक प्रगति को रोकने की कोशिश कर रहा है.

ये भी पढ़ें – अब चीन की उड़ेगी नींद! ताइवान को आंख दिखाने में सौ बार सोचेगा… PLA को जवाब देने आ रहा अमेरिकी ‘बाहुबली’

कानून के क्रियान्वयन की शुरुआत सौर उत्पादों, टमाटर, कपास और वस्त्रों पर केंद्रित थी, लेकिन हाल के महीनों में अमेरिकी सरकार ने नए क्षेत्रों को भी इस सूची में शामिल किया है, जिनमें एल्युमिनियम और समुद्री खाद्य पदार्थ शामिल हैं.

‘दुख है कि ऐसी मजदूरी का धब्बा अब भी मौजदू’
सिल्वर्स ने जून में इस कानून की दो साल की सालगिरह पर कहा, “यह दुख की बात है कि जबरन मजदूरी का धब्बा अब भी कई सप्लाई चेन्स में मौजूद है.” उन्होंने यह भी बताया कि इस कानून ने आयातकों को यह सुनिश्चित करने के लिए मजबूर किया है कि वे अपनी सप्लाई चेन को बेहतर तरीके से जानें.

होमलैंड सिक्योरिटी के अनुसार, जून 2022 से अब तक जबरन मजदूरी के इस्तेमाल या उससे जुड़े उत्पादों का स्रोत रखने वाली कंपनियों की सूची में 75 कंपनियों को जोड़ा गया है. इस सूची में हाल ही में जोड़ी गई चीनी कंपनियां हैं.

Tags: America News, America vs china, China, US China

FIRST PUBLISHED :

October 3, 2024, 14:41 IST

*** Disclaimer: This Article is auto-aggregated by a Rss Api Program and has not been created or edited by Nandigram Times

(Note: This is an unedited and auto-generated story from Syndicated News Rss Api. News.nandigramtimes.com Staff may not have modified or edited the content body.

Please visit the Source Website that deserves the credit and responsibility for creating this content.)

Watch Live | Source Article