शिमलाः हिमाचल प्रदेश के शिमला में संजौली मस्जिद विवाद के बाद राजधानी में प्रवासियों को लेकर चिंता जाहिर की गई. साथ ही कुछ लोगों ने यह भी आरोप लगाए कि यहां के प्रवासियों के पास नकली आधार कार्ड है. इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए अलग-अलग थानों में सत्यापन कराया गया, जिसमें 75 प्रवासियों के दस्तावेज असली और प्रामणिक पाए गए. इस मामले में शिमला के एसपी ने बयान भी जारी किया है. एसपी संजीव कुमार गांधी ने कहा कि कुछ लोगों का संदेह निराधार है और भ्रामक प्रचार किया गया.
एसपी ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में कुछ लोगों ने आधार कार्ड की प्रामाणिकता को लेकर चिंता व्यक्त की है. इस पर विभिन्न थानों में सत्यापन कराया गया. यह सत्यापन प्रधान व्यापार मंडल गुम्मा से पुलिस स्टेशन कोटखाई में प्राप्त मामले के संबंध में भी किया गया था कि बाहरी राज्य के प्रवासी पहचान दस्तावेजों के रूप में नकली आधार कार्ड का उपयोग कर रहे थे.
उन्होंने यह भी बताया कि सभी प्रवासी व्यक्तियों के आधार कार्ड का विवरण लिया गया और लोक मित्र केंद्र में सभी 75 प्रवासियों की बायोमेट्रिक पुष्टि की गई, और सभी दस्तावेज मूल और प्रामाणिक पाए गए. जन्म तिथि का मुद्दा यूआईडीएआई का एक तकनीकी मुद्दा है, और बाकी विवरण प्राप्त अन्य दस्तावेजों के अनुरूप हैं. मामला यूआईडीएआई के समक्ष उठाया गया था, प्राधिकरण ने आधार प्रणाली के शुरुआती वर्षों के दौरान जन्म तिथि के बारे में भी स्पष्ट किया था जब यह वर्ष 2010 में शुरू हुई थी. अत: इस प्रकार कुछ लोगों द्वारा उठाए गए संदेह और भ्रामक अभियान बिना किसी सच्चाई के निराधार साबित होते हैं.
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FIRST PUBLISHED :
September 23, 2024, 10:31 IST