संतान की दीर्घायु के लिए माताएं रखती हैं जितिया व्रत, पढ़ें य​ह पौराणिक कथा

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आश्विन कृष्ण अष्टमी तिथि को जितिया या जीवित्पुत्रिका व्रत रखा जाता है.आश्विन कृष्ण अष्टमी तिथि को जितिया या जीवित्पुत्रिका व्रत रखा जाता है.

हाइलाइट्स

जितिया व्रत बेहद ही ​कठिन माना जाता है.यह व्रत पूरे 3 दिनों तक चलता है.

Jitiya Vrat 2024 Katha: हर वर्ष अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जितिया व्रत रखा जाता है. इस व्रत का महत्व बिहार, नेपाल, उत्‍तर प्रदेश में अधिक माना गया है. महिलाएं इस खास दिन अपनी संतान के अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं. यह व्रत बेहद ही ​कठिन माना जाता है, क्योंकि व्रत पूरे 3 दिनों तक चलता है. इस व्रत में जीमूतवाहन की पूरे विधि विधान से पूजा की जाती है. भोपाल निवासी ज्योतिषाचार्य पंडित योगेश चौरे के अनुसार, इस वर्ष जीतिया व्रत 25 सितंबर यानी आज है. आइए जानें इसकी पौराणिक कथा.

कब करें पूजा?
हिंदू पंचांग के अनुसार, 24 सितंबर 2024 को जितिया व्रत के नहाय-खाय की पूजा होगी और 25 सितंबर 2024 को जितिया व्रत रखा जा रहा है. 25 सितंबर 2024, दिन बुधवार को जितिया व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 10 बजकर 41 मिनट से लेकर दोपहर के 12 बजकर 12 मिनट तक रहेगा.

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जितिया व्रत कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, महाभारत युद्ध के दौरान अश्वत्थामा पिता की मौत का समाचार सुनकर बेहद नाराज हो गए थे. वे मन में बदले की भावना लेकर पांडवों के शिविर में आ गए. शिविर में 5 लोग सो रहे थे, जिसे अश्वत्थामा ने पांडव समझकर मृत्यु लोक पहुंचा दिया था. मारे गए ये पांचों लोग द्रोपदी की संतान कही जाती हैं. इस घटना के बाद अर्जुन ने अश्वत्थामा को बंदी बनाकर उनकी दिव्य मणि छीन ली. जिससे क्रोधित होकर अश्वत्थामा ने गर्भ में पल रहे अभिमन्यु के बच्चे को मौत के घाट उतार दिया. इसके बाद भगवान कृष्ण ने अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा की अजन्मी संतान को अपने सभी पुण्य का फल देकर गर्भ में ही जीवित कर दिया. गर्भ में पल रहे इस बच्चे को जीवित्पुत्रिका का नाम दिया गया. तभी से माताओं द्वारा बच्चे की लंबी उम्र और रक्षा की कामना के लिए जीवित्पुत्रिका व्रत रखने की परंपरा आरंभ हुई.

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क्या है इस व्रत का महत्व?
यह व्रत माताओं के लिए खास है, जो इस कठिन व्रत को रखकर ईश्वर से अपने बच्चों के लिए उत्तम स्वास्थ्य की प्रार्थना करती हैं. उनकी दीर्घायु की कामना करती हैं. माताएं इस दिन भगवान जीमूतवाहन की पूजा करती हैं. यह व्रत मातृत्व के पवित्र बंधन को दर्शाता है.

Tags: Dharma Aastha, Religion

FIRST PUBLISHED :

September 25, 2024, 07:31 IST

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