सरकारी स्कूलों के 50 छात्रों को सुक्खू सरकार ने विदेश यात्रा पर भेजा

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Agency:News18 Himachal Pradesh

Last Updated:February 07, 2025, 15:40 IST

Himachal News: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने 50 मेधावी छात्रों को 11 दिवसीय शैक्षणिक यात्रा के लिए कंबोडिया और सिंगापुर भेजा। छात्रों को टेबलेट और किट भी वितरित की गई.

सरकारी स्कूलों के 50 छात्रों को सुक्खू सरकार ने विदेश यात्रा पर भेजा

शिमला में सीएम ने इन बच्चों को रवाना किया.

हाइलाइट्स

  • हिमाचल के 50 छात्रों को 11 दिवसीय विदेश यात्रा पर भेजा गया.
  • छात्र कंबोडिया और सिंगापुर में ऐतिहासिक धरोहरों का भ्रमण करेंगे.
  • सभी छात्रों को टेबलेट और किट वितरित की गई.

शिमला. हिमाचल प्रदेश के इतिहास में पहली बार सरकारी स्कूलों के छात्रों को विदेश यात्रा पर भेजा गया. मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज अपने आधिकारिक आवास से 50 मेधावी छात्रों के दल को 11 दिवसीय शैक्षणिक अध्ययन के लिए कंबोडिया और सिंगापुर के लिए रवाना किया. ये छात्र 17 फरवरी को वापस लौटेंगे. ये होनहार छात्र इन देशों में न केवल ऐतिहासिक धरोहरों का भ्रमण करेंगे, बल्कि वहां की संस्कृति, वास्तुकला, विज्ञान और तकनीकी विकास को भी जान पाएंगे. मुख्यमंत्री ने सभी बच्चों को टेबलेट और किट भी वितरित की. उन्होंने बच्चों से पूछा कि दिल्ली पहली बार कौन जा रहा है. उन्होंने कहा कि जब मैं कॉलेज में था, तो पहली बार दिल्ली गया था.

सभी बच्चों को शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “बच्चे देश का भविष्य हैं. आपके सपने, आपकी शिक्षा और आपका ज्ञान ही भारत को एक मजबूत और विकसित राष्ट्र बनाएगा.” उन्होंने कहा कि यह केवल एक यात्रा नहीं, बल्कि सीखने के साथ-साथ दुनिया को एक नए नजरिए से देखने का सुनहरा अवसर है. यह यात्रा न केवल बच्चों के लिए ज्ञानवर्धक होगी, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और वैश्विक दृष्टिकोण रखने वाला नागरिक भी बनाएगी. उन्होंने कहा कि अगले वर्ष 100 मेधावी बच्चों के साथ-साथ अनाथ बच्चों को विदेश भ्रमण पर भेजा जाएगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी अनाथ बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ के रूप में अपनाया है और 27 वर्ष तक उनकी पढ़ाई और देखभाल की जिम्मेदारी राज्य सरकार का कानूनी दायित्व है. दिसंबर में ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ को गोवा भ्रमण के लिए भेजा गया था. सुक्खू ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है. शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए राज्य सरकार ने कई बड़े फैसले लिए हैं. यह फैसले आने वाले समय में प्रदेश में स्कूली और उच्च शिक्षा को नई दिशा देंगे. उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार पिछली भाजपा सरकार की तरह नए संस्थान खोलने की बजाय उनमें सुविधाएं जुटाने के प्रयास कर रही है. राज्य सरकार ने 200 शिक्षकों को सिंगापुर की एक्सपोजर विजिट पर भी भेजा था, ताकि दुनिया की बेस्ट टीचिंग प्रैक्टिस को हिमाचल में लागू किया जा सके. राज्य सरकार शिक्षकों को देश के बेस्ट शिक्षण संस्थानों से उच्च स्तरीय प्रशिक्षण देने के लिए कदम उठा रही है ताकि शिक्षा व्यवस्था को सुधारा जा सके. उन्होंने कहा कि प्रदेश के संसाधनों पर सभी वर्गों का एक समान अधिकार है और राज्य सरकार सभी वर्गों का ध्यान रख रही है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने सरकारी स्कूलों में सुधार लाने के लिए पहली कक्षा से अंग्रेजी मीडियम शुरू किया है. इसके अतिरिक्त ‘राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल’ का निर्माण चरणबद्ध तरीके से कर रही है. आने वाले बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई क्रांतिकारी योजनाएं आएंगी. उन्होंने कहा कि मैं आपकी ही तरह सरकारी स्कूल से पढ़कर निकला हूं. आप अपनी मेहनत और लगन से कोई भी लक्ष्य हासिल कर सकते हैं.

शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार से वर्तमान राज्य सरकार को चरमराई हुई अर्थव्यवस्था के साथ-साथ बदहाल शिक्षा व्यवस्था भी विरासत में मिली है. लेकिन वर्तमान राज्य सरकार सुधार के लिए कदम उठा रही है, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार अपने कार्यकाल में शिक्षा का 60 प्रतिशत बजट भी खर्च नहीं कर पा रही थी, जबकि वर्तमान राज्य सरकार ने दो वर्षों में 95 प्रतिशत से अधिक बजट खर्च किया है. शिक्षा में सुधार के लिए राज्य सरकार खाली पदों को भर रही है. अब तक 3000 से अधिक शिक्षकों की भर्ती बैचवाइज की जा चुकी है और अन्य पद हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग के माध्यम से भरे जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि 31 मार्च तक कोई भी स्कूल बिना अध्यापक के नहीं रहेगा. उन्होंने कहा कि इन बच्चों को कंबोडिया इसलिए भेजा जा रहा है क्योंकि वहां दुनिया का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है और कई अन्य ऐतिहासिक स्थल हैं. उन्होंने कहा कि गांव के बच्चों को विदेश जाने का मौका मुख्यमंत्री की सोच का परिणाम है.

वहीं, भ्रमण के लिए जा रही चंबा जिला की स्मृति जरयाल ने कहा कि वह भाग्यशाली है कि उसे विदेश यात्रा पर जाने का अवसर मिल रहा है, जिसके लिए वह मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की आभारी हैं. उन्होंने कहा कि उनका चयन कल्चरल कैटेगरी से हुआ है और कभी नहीं सोचा था कि कभी विदेश जाऊंगी. अपने चयन के लिए उन्होंने राज्य सरकार का धन्यवाद किया. इस अवसर पर महापौर शिमला सुरेंद्र चौहान, पूर्व सीपीएस सोहन सिंह ठाकुर, राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा राजेश शर्मा, निदेशक उच्च शिक्षा अमरजीत सिंह, निदेशक प्रारंभिक शिक्षा आशीष कोहली सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे.

Location :

Shimla,Himachal Pradesh

First Published :

February 07, 2025, 15:40 IST

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