सरसों की वैरायटी चयन करने की वैज्ञानिक दे रहे हैं जानकारी.
Agriculture News : डॉ. नंदिशा ने बताया सरसों की खेती के लिए खेत की गहरी जुताई बेहद जरूरी है. इससे मिट्टी का ढांचा ठीक ह ...अधिक पढ़ें
- News18 Bihar
- Last Updated : September 28, 2024, 22:07 IST
बेगूसराय : बिहार, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में रबी की फसलों में सरसों का महत्वपूर्ण स्थान है. इन दिनों सरसों की बुवाई का सीजन करीब आ रहा है और किसान भाइयों को इस समय सही खेत को तैयार करने पर ध्यान देना चाहिए. कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि अगर सही समय पर खेत को पक्का तैयार किया जाए, तो बुवाई में किसी वैरायटी की चिंता करने की जरूरत नहीं होती. सही तैयारी और समय पर ध्यान देकर किसान अपनी सरसों की फसल से अधिक उपज प्राप्त कर सकते हैं. इस बारे में लोकल 18 के माध्यम से पौधा संरक्षण विशेषज्ञ डॉ. नंदिशा जानकारी दे रहे हैं.
कैसे करें खेत की तैयारी
डॉ. नंदिशा ने बताया सरसों की खेती के लिए खेत की गहरी जुताई बेहद जरूरी है. इससे मिट्टी का ढांचा ठीक होता है और पानी की धारण क्षमता बढ़ती है. खेत की मिट्टी को 15-20 सेंटीमीटर की गहराई तक पलटने से पोषक तत्व सतह पर आ जाते हैं. सरसों की फसल के लिए जल निकासी का सही प्रबंध आवश्यक है. खेत में पानी का जमाव होने पर सरसों की जड़ें गलने लगती हैं, जिससे फसल खराब हो सकती है. इसलिए ड्रेन सिस्टम का इंतजाम कर लें.
खाद का चयन कैसे और कब करें
बुवाई से पहले खेत में जो भी खरपतवार उगी हो, उसे जुताई के साथ-साथ निकाल देना चाहिए .इस प्रक्रिया के लिए रोटावेटर का भी उपयोग कर सकते हैं, जिससे मिट्टी नरम हो जाती है और खरपतवार हट जाते हैं. सरसों की फसल के लिए जैविक और रासायनिक दोनों तरह की खादों का उपयोग कर सकते हैं .खेत की तैयारी के समय 15-20 क्विंटल प्रति एकड़ गोबर की खाद मिलाएं. इसके साथ ही नाइट्रोजन, फास्फोरस, और पोटा युक्त उर्वरक का सही अनुपात में प्रयोग करना फसल की अच्छी पैदावार के लिए लाभकारी होगा. बुवाई से पहले खेत में हल्की सिंचाई करें ताकि मिट्टी में पर्याप्त नमी हो. यह बुवाई के दौरान सरसों के बीजों को तेजी से अंकुरित होने में मदद करती है.
बीज चयन और बुवाई का तरीका
बाजार में सरसों की कई वैरायटी उपलब्ध हैं, लेकिन आपकी फसल की उपज खेत की तैयारी पर ज्यादा निर्भर करती है. फिर भी विशेषज्ञों की सलाह है कि अपनी क्षेत्रीय जलवायु के अनुसार ही बीज का चयन करें. इसके अलावा अपने इलाके के रजिस्टर्ड बीज विक्रेता से ही बीज खरीदें. जैसे कि पीबीएन 181, एमसीएन 120 आदि उच्च गुणवत्ता वाली किस्में फायदेमंद हो सकती हैं. बुवाई से पहले बीजों को कार्बेन्डाजिम या थायरम से उपचारित करें ताकि बीज फफूंद और कीटों से सुरक्षित रहें. सरसों के बीजों को 2-3 सेंटीमीटर की गहराई पर बोना चाहिए.इससे बीजों को नमी मिलती है और अंकुरण तेजी से होता है.
सिंचाई और देखभाल
पहली सिंचाई बुवाई के 25-30 दिन बाद करें. इसके बाद फसल की नमी जरूरत के अनुसार समय-समय पर सिंचाई करते रहें. फसल के दौरान किसी भी रोग या कीट के लक्षण नजर आने पर कृषि विशेषज्ञों से संपर्क करें और उचित जैविक या रासायनिक उपचार करें.
Tags: Begusarai news, Bihar News, Local18
FIRST PUBLISHED :
September 28, 2024, 22:07 IST