Agency:News18 Uttar Pradesh
Last Updated:February 08, 2025, 11:46 IST
Linseed Cultivating : आज के किसान भले इसकी खेती करना पसंद नहीं करते, जबकि ये बिना लागत की खेती है. एक बीघा में दो क्विंटल से अधिक उत्पादन आराम से हो जाता है और ये 20 हजार रुपये क्विंटल मार्केट में बिकता है.
अलसी की खेती कर किसान हो रहा मालामाल, हड्डियों को कर देता है वेल्ड
हाइलाइट्स
- सहारनपुर के किसान सुरेंद्र अलसी की खेती कर रहे हैं.
- अलसी की खेती में न दवा की जरूरत, न खाद की.
- एक बीघा में दो क्विंटल अलसी का उत्पादन होता है.
सहारनपुर. जिस तरह अलसी सेहत के लिए गुणकारी है, इसकी खेती भी फायदों से युक्त है. अलसी की खेती में न तो किसी प्रकार का कोई रोग लगता है और न ही इसमें किसी खाद की जरूरत पड़ती है. अलसी का तेल लोग अपने खाने में इस्तेमाल करते हैं, जो शरीर को हष्ट पुष्ट बनाता है. अलसी के कई औषधीय महत्त्व हैं. पुराने समय में बड़े बुजुर्ग अलसी के बने लड्डू खाया करते थे, जिसे खाने से हड्डियों की कमजोरी दूर होती थी. शरीर के जॉइंट पर अलसी के तेल की मालिश भी की जाती थी, जिससे हड्डियों का दर्द दूर होता था.
प्रति बीघा इतनी उपज
आज के किसान भले अलसी की खेती करना पसंद नहीं करते, जबकि अलसी बिना लागत की खेती है. सहारनपुर की बेहट विधानसभा के गांव नुनिहारी के रहने वाले किसान सुरेंद्र कुमार अनेक प्रकार की खेती के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने इस बार अलसी की फसल लगाई है. अलसी एक बीघा में दो क्विंटल से अधिक आराम से निकल जाती है. ये 20 हजार रुपये क्विंटल मार्केट में बिकती है.
कैल्शियम से भरपूर
लोकल 18 से बात करते हुए किसान सुरेंद्र कहते हैं कि उन्होंने करीब एक बीघे में अलसी की खेती शुरू की है. इसकी खेती की खास बात इसमें किसी रोग का न लगना और न ही किसी तरह की खाद डालने की जरूरत. पुराने समय में बड़े-बुजुर्ग बड़े पैमाने पर अलसी की खेती किया करते थे. पुराने समय में जब किसी की हड्डी टूट जाया करती थी तब उसे अलसी और सांठी के लड्डू बनाकर खिलाया जाता था. सुरेंद्र बताते हैं कि अलसी कैल्शियम से भरपूर होती है. टूटी हुई हड्डी को अलसी का तेल वेल्डिंग कर देता है.
Location :
Saharanpur,Uttar Pradesh
First Published :
February 08, 2025, 11:46 IST
सहारनपुर का ये किसान कर रहा ऐसी खेती, न दवा की जरूरत न खाद की