Agency:आईएएनएस
Last Updated:February 08, 2025, 14:24 IST
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 1.05 अरब डॉलर बढ़कर 630.607 अरब डॉलर हो गया है और गोल्ड रिजर्व 1.1242 अरब डॉलर बढ़कर 70.893 अरब डॉलर हो गया है. निर्यात 800 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है.
हाइलाइट्स
- भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 630.607 अरब डॉलर हुआ.
- गोल्ड रिजर्व 70.893 अरब डॉलर पर पहुंचा.
- निर्यात 800 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान.
नई दिल्ली. आर्थिक मोर्चे पर कई अच्छी खबरें आई हैं. जहां भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 31 जनवरी को समाप्त हुए हफ्ते में 1.05 अरब डॉलर बढ़कर 630.607 अरब डॉलर हो गया है, वहीं देश का गोल्ड रिजर्व भी हफ्ते के दौरान 1.1242 अरब डॉलर बढ़कर 70.893 अरब डॉलर हो गया. भारत का निर्यात के भी चालू वित्त वर्ष में 800 अरब डॉलर के आंकड़े को पार करने का अनुमान है.
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए गए डेटा में बताया गया कि हफ्ते के दौरान गोल्ड रिजर्व 1.1242 अरब डॉलर बढ़कर 70.893 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. स्पेशल ड्राइंग राइट्स (एसडीआर) 29 मिलियन डॉलर बढ़कर 17.889 अरब डॉलर पर पहुंच गए हैं. हालांकि, इस दौरान देश की अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में रिजर्व पोजीशन 14 मिलियन डॉलर गिरकर 4.141 अरब डॉलर पर आ गई है. पिछले साल सितंबर में विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 704.885 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था.
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आरबीआई ने खरीदा 8 टन सोना
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, आरबीआई ने नवंबर 2024 में 8 टन सोना खरीदा है. आरबीआई के अलावा दुनिया के अन्य केंद्रीय बैंकों ने इस दौरान सामूहिक रूप से 53 टन गोल्ड खरीदा है. आरबीआई अन्य केंद्रीय बैंकों की तरह ही सुरक्षित संपत्ति समझी जाने वाली गोल्ड में निवेश कर रहा है. गोल्ड को अधिक मात्रा में खरीदने की वजह महंगाई के खिलाफ हेजिंग करना और विदेशी मुद्रा के जोखिम को कम करना है. विशेषकर ऐसे समय जब दुनिया में अस्थिरता बढ़ रही हो.
आरबीआई रुपये में अस्थिरता को नियंत्रित करने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग करता है. जब भी डॉलर के मुकाबले रुपये पर दबाव देखने को मिलता है तो आरबीआई मार्केट में डॉलर बेचकर रुपये की स्थिति मजबूत करता है. इसके अलावा सेंट्रल बैंक ने वित्तीय बाजारों के व्यापार और निपटान समय की व्यापक समीक्षा करने के लिए नौ सदस्यीय कार्य समूह का गठन किया है.
निर्यात छू सकता है 800 अरब डालर का आंकड़ा
भारत का निर्यात के भी चालू वित्त वर्ष में 800 अरब डॉलर के आंकड़े को पार करने का अनुमान है. इसकी वजह देश के सभी सेक्टरों में मजबूत आर्थिक गतिविधि होना है. यह जानकारी सरकार द्वारा दी गई. यूनियन कॉमर्स और इंडस्ट्री मिनिस्टर, पीयूष गोयल ने कहा कि निर्यात तेजी से बढ़ रहा है और पिछले चार सालों में इसमें काफी वृद्धि हुई है. राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा,”हम पहली बार 800 अरब डॉलर से अधिक निर्यात के साथ वित्तीय वर्ष समाप्त करेंगे.”
हालांकि, घरेलू स्तर पर उपलब्धता की कमी और उच्च मांग के कारण पेट्रोलियम उत्पाद, कोकिंग कोयला, दालें और खाद्य तेल जैसे कुछ उत्पादों का आयात करना जरूरी हैं. घरेलू खपत बढ़ने के साथ आयात में वृद्धि अर्थव्यवस्था के लिए एक अच्छा संकेत है. वैश्विक बाजार में विभिन्न श्रेणियों में भारतीय उत्पादों की मांग बढ़ने के कारण, देश का कुल निर्यात वित्त वर्ष 2023-24 में लगभग 778 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जबकि वित्त वर्ष 2013-14 में यह 466 बिलियन डॉलर था, जो कि 67 प्रतिशत की भारी वृद्धि है.
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First Published :
February 08, 2025, 14:24 IST