'सहारा' का पैसा बेटी की शादी में नहीं बना सहारा, सारे सपने हो गए चकना चूर

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दर्द

दर्द साझा करते पीड़ित 

समस्तीपुर:- सहारा इंडिया के भरोसे अपने बच्चों की शादी के सपने देखने वाले कई परिवार आज गंभीर आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं. पटोरी प्रखंड के ऋषि देव पासवान ने अपनी बेटियों की शादी के लिए एक रुपए जोड़कर सहारा इंडिया में पैसे जमा किए थे, ताकि उनका पैसा दो गुना, तीन गुना हो जाए और वह अपनी बेटियों की शादी बड़े धूमधाम से कर सके. लेकिन जब शादी का समय आया, तो उन्हें अपने पैसे का एक भी रुपया नहीं मिला. जब ऋषि देव ने पैसे निकालने के लिए ब्रांच का दौरा किया, तो उन्हें बताया गया कि वर्तमान में पैसे का भुगतान नहीं किया जा रहा है. यह अनिश्चितता उनके लिए अत्यंत कठिन साबित हुई, क्योंकि उन्हें अपनी पहली बेटी की शादी के लिए पड़ोसियों से कर्ज लेना पड़ा.

बेटी की शादी के लिए लेना पड़ा कर्ज
अब दूसरी बेटी की शादी के लिए भी उन्हें पैसे का इंतजार है, जो एक कठिन परीस्थिति में उन्हें और परेशान कर रहा है. ऋषि देव का कहना है कि वो सहारा इंडिया के कार्यालय के चक्कर काटकर थक चुके हैं. वहां से कोई मदद नहीं मिल रही है और बार-बार आने पर केवल आश्वासन ही मिलता है. उन्होंने उम्मीद जताई कि जैसे ही सहारा इंडिया से पैसे वापस मिलेंगे, वे अपना कर्ज चुका सकेंगे. इस तरह की दर्दभरी कहानी केवल ऋषि देव की नहीं है, बल्कि यह कई परिवारों की आर्थिक स्थिति की बानगी पेश करती है, जो सहारा इंडिया की अनिश्चितताओं के चलते मुश्किल में हैं. आज कई परिवार अपने बच्चों की शादी की खुशियों को सहेजने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वित्तीय असुरक्षा उन्हें एक नई चुनौती के सामने खड़ा कर रही है.

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सहारा इंडिया में जमाकर्ता पीड़ित की दर्दभरी कहानी
ऋषि देव पासवान ने लोकल 18 से बातचीत करते हुए अपनी दर्दभरी कहानी साझा की. उन्होंने बताया कि 8 साल पहले उन्होंने सहारा इंडिया में करीब 70000 रुपये जमा किए थे, ताकि उनका पैसा बढ़ सके और वह अपनी बेटियों की शादी धूमधाम से कर सकें. जब शादी का समय आया, तो उन्होंने सहारा इंडिया के कार्यालय का दौरा किया और जिस एजेंट के माध्यम से पैसा जमा किया था, उनसे भी मिले. लेकिन उन्हें बताया गया कि पैसे की निकासी पर रोक लगा दी गई है. ऋषि देव ने कहा कि हमें कहा गया कि जब ऊपर से आदेश आएगा, तब ही पैसा वापस किया जाएगा. उन्होंने कई दिनों तक ऑफिस का चक्कर लगाया, लेकिन उनका पैसा नहीं मिला. मजबूरन उन्हें पड़ोसियों से ब्याज पर कर्ज लेना पड़ा, जिससे उन्होंने अपनी बड़ी बेटी की शादी की.

ऋषि देव ने Local 18 को आगे बताया कि वह आज तक कर्ज चुकता नहीं कर पाए हैं, क्योंकि उनके पास पैसे नहीं हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि सहारा इंडिया से पैसा वापस मिलने पर वह अपना कर्ज चुका सकेंगे और छोटी बेटी की शादी भी कर पाएंगे. उन्हें अपने पैसे के लिए लगातार चक्कर लगाना होता है, लेकिन हर बार खाली हाथ लौटना पड़ता है. यह कहानी न केवल ऋषि देव की है, बल्कि उन अनेक परिवारों की है जो सहारा इंडिया की अनिश्चितताओं का सामना कर रहे हैं.

Tags: Bihar News, Local18, Sahara India, Samastipur news

FIRST PUBLISHED :

October 23, 2024, 10:54 IST

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