सांपों का गढ़ है बिहार का यह जंगल, डंस ले तो मिनटों में चली जाए जान

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Agency:News18 Bihar

Last Updated:February 05, 2025, 14:23 IST

VTR Snake Species: पश्चिम चंपारण स्थित बीटीआर में दो या दो नहीं बल्कि 45 प्रजाति के सापों का बसेरा है. जिसमें क़रीब 10 प्रजातियां वेनेमस तथा अन्य प्रजातियां माइल्ड एवं नॉन वेनेमस की कैटिगरी में आती है. कोबरा, ...और पढ़ें

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प्रतीकात्मक

प्रतीकात्मक तस्वीर 

हाइलाइट्स

  • VTR में 45 से अधिक सांपों की प्रजातियां पाई जाती है.
  • कोबरा, करैत और वाइपर सबसे जहरीले सांपों में शामिल है.
  • VTR में दुर्लभ सांपों की भी कई प्रजातियां मिलती है.

पश्चिम चम्पारण. बिहार के वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व को यदि सांपों की भूमि कहा जाए, तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी. आए दिन यहां के विभिन्न रेंजों से सटे ग्रामीण क्षेत्रों में तरह-तरह के सांप मिलने के मामले सामने आते हैं. कभी बड़े आकार के अजगर, तो कभी भारत के सबसे ज़हरीले सांपों में शामिल कोबरा, करैत तथा वाइपर देखने को मिल जाएंगे. रोमांचित कर देने वाली बात यह है कि यहां सांपों की कुछ ऐसी प्रजातियां भी पाई जाती है, जिन्हें पूरे भारत में गिने-चुने जगहों पर ही देखा गया है.

इनमें रेड कोरल कुकरी, मॉक वाइपर तथा लाॅंग स्नाउटेड वाइन स्नेक इत्यादि शामिल हैं. पिछले 25 वर्षों से वाइल्ड लाइफ पर काम कर रहे, वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट अभिषेक बताते हैं कि VTR में सांपों की दस या बीस नहीं, बल्कि 45 से अधिक प्रजातियां पाई जाती है. किसी भी क्षेत्र में सांपों की इतनी प्रजातियों का निवास कोई साधारण बात नहीं है.

आठ रेंजों में बंटा है VTR

बिहार के पश्चिम चम्पारण ज़िले में बसा “वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व” सूबे का इकलौता टाइगर रिज़र्व है. यह 02 डिविजन्स तथा 08 रेंजों में बंटा है, जिसका क्षेत्रफल क़रीब 900 वर्ग किलोमीटर है. गौर करने वाली बात यह है कि रिज़र्व के हर रेंज में सांपों की विभिन्न प्रजातियां पाई जाती है. मुख्य रूप से यदि बात की जाए तो, डिवीजन एक के मंगुराहा, गोवर्धना, रघिया तथा डिविजन दो के वाल्मीकिनगर, मदनपुर, गनौली, चिउटाहां तथा हरनाटांड़ रेंज है. इनसे सटे ग्रामीण क्षेत्रों में हर दिन सांपों के निकलने की ख़बर आती रहती हैं.

45 से अधिक प्रजातियों के सांपों का बसेरा

VTR तथा कतर्नियाघाट वाइल्ड लाइफ सेंचुरी पर काम करने वाले नेचर एनवायरमेंट एंड वाइल्ड लाइफ सोसाइटी के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिषेक बताते हैं कि वाल्मीकि में सांपों की 45 से अधिक प्रजातियां पाई जाती है, जिनमें से क़रीब 10 प्रजातियां वेनेमस तथा अन्य प्रजातियां माइल्ड एवं नॉन वेनेमस की कैटिगरी में आती है. जहां तक बात वेनेमस सांपों की है, तो इनमें मुख्य रूप से भारत के सबसे ज़हरीले सांप जैसे कोबरा, करैत, वाइपर, किंग कोबरा इत्यादि बड़ी संख्या में पाए जाते हैं.

वेनेमस सांपों की प्रजातियां

VTR में पाए जाने वाले सबसे ज़हरीले सांपों की प्रजातियों में कोबरा फैमिली का स्पेक्टिकल कोबरा, करैत फैमिली में बैंडेड तथा कॉमन करैत, वाइपर फैमिली में बम्बू पीट वाइपर, सालाज़ार वाइपर, यलो लिप्स वाइपर तथा रसल वाइपर जैसे सांप पाए जाते हैं. इसके अलावे यहां किंग कोबरा जैसे बड़े आकार के विषैले सांप भी बड़ी संख्या में पाए जाते हैं.

नॉन वेनेमस सांपों की प्रजातियां

बात यदि नॉन वेनेमस सांपों की कि जाए, तो VTR में मुख्य रूप से रैट स्नेक, बफ कील बैक स्नेक, चेकल्ड कील बैक स्नेक, ग्रीन कील बैक स्नेक, ब्रह्मणी वॉर्म स्नेक, कॉमन कुकरी स्नेक तथा ब्रोंज़ बैक स्नेक जैसी प्रजातियां पाई जाती है.

दुर्लभ सांपों की प्रजातियां

जहां तक बात VTR में दुर्लभ सांपों की मौजूदगी का है, तो इनमें मुख्य रूप से वन सुंदरी, कोरल रेड कुकरी, ट्विन स्पॉटेड वुल्फ स्नेक, मॉक वाइपर, लाॅंग स्नाउटेड वाइन स्नेक तथा सालाज़ार पिट वाइपर जैसे सांप शामिल हैं.

कुंडली मार कर शिकार करने वाले सांप

अब बात कर लेते हैं ऐसे विषहीन सांपों की, जो विष से नहीं, बल्कि कुंडली मार कर अपना शिकार करते हैं. बकौल अभिषेक, इनमें मुख्यरूप से बोआ तथा पायथन की प्रजातियां पाई जाती है. बोआ परिवार में कॉमन सैंड बोआ एवं रेड सैंड बोआ तथा पायथन परिवार में बर्मीज पायथन एवं इंडियन रॉक पायथन जैसे सांप पाए जाते हैं. माइल्ड वेनेमस स्नेक की कैटिगरी में यहां मुख्य रूप से ऑर्नेट फ्लाइंग स्नेक जिसे तक्षक नाग कहा जाता है, जैसे सांप पाए जाते हैं.

Location :

Pashchim Champaran,Bihar

First Published :

February 05, 2025, 14:23 IST

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