नदियों के मायके MP से निकलती ये धारा, जहां जाने से धुल जाते हैं सारे पाप!

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Agency:News18 Madhya Pradesh

Last Updated:February 05, 2025, 17:02 IST

MP News: मध्यप्रदेश की जीवन रेखा कही जाने वाली मां नर्मदा के बारे में शास्त्रों में कहा गया है कि, जो फल गंगा नहाने से मिलता है, वो सिर्फ नर्मदा दर्शन से पूरा होता है. कल-कल बहती पतित पावनी पुण्यदायी नर्मदा जन्...और पढ़ें

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नर्मदा

नर्मदा देश की 5वीं सबसे बड़ी नदी मानी जाती हैं. 

हाइलाइट्स

  • मां नर्मदा के दर्शन से पाप कटते हैं।
  • नर्मदा नदी एमपी, महाराष्ट्र और गुजरात से बहती है।
  • नर्मदा जयंती माघ शुक्ल सप्तमी को मनाई जाती है।

भोपाल. ‘त्वदीय पाद पंकजम नमामि देवी नर्मदे’… नर्मदे हरमध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले के अमरकंटक से निकलकर एमपी, महाराष्ट्र और फिर गुजरात होते हुए अरब सागर में जाकर मिलने वाली मां नर्मदा नदी भारत की 5वीं सबसे लंबी नदी है. मध्यप्रदेशवासी नर्मदा नदी को जीवनदायिनी कहते हैं, क्योंकि एमपी के 60 प्रतिशत हिस्से की पानी की जरूरत इसी नदी से पूरी होती है. एमपी में बीते दिन मां नर्मदा जन्मोत्सव के मौके पर Local18 से बात करते हुए लोगों ने नर्मदा, विकास और आस्था पर अपने विचार साझा किए.

मां नर्मदा के दर्शन मात्र से कटते हैं पाप
नर्मदा नदी भारत की एकमात्र ऐसी नदी है, जो पश्चिम में मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और फिर गुजरात से बहती ह.। माता नर्मदा को लेकर एक प्रसिद्ध श्लोक है:- त्रिभिः सारस्वतं पुण्यं सप्ताहेन तु यमुनम् सद्यः पुनाति गाङ्गेयं दर्शनदेव नर्मदम् – पद्मपुराण

इसका अर्थ है कि सरस्वती नदी में तीन दिन, यमुना नदी में सात दिन और गंगा नदी में एक दिन स्नान से जो पुण्य मिलता है. वहीं फल नर्मदा नदी के दर्शन मात्र से प्राप्त होता है और मनुष्य पापों से मुक्त हो जाता है.

नर्मदा जन्मोत्सव पर श्रद्धा-भक्ति का अनूठा रंग
मध्यप्रदेश की जीवन रेखा नर्मदा जयंती हर साल हिंदू पंचांग के अनुसार माघ शुक्ल पक्ष की सप्तमी को मनाई जाती है. इस दिन की महत्वता जानने के लिए Local18 की टीम राजधानी भोपाल से दूर रायसेन के शाहगंज पहुंची. यहां नर्मदा घाट पर जन्मोत्सव के दिन भक्तों का तांता लगा हुआ था. इस दिन का महत्व जानने के लिए जब Local18 ने लोगों से बात की तो एक बुजुर्ग महिला ने कहा कि मां नर्मदा के सहारे ही सबके जीवन की गाड़ी चल रही है, वो सबकी मनोकामना पूरी करती हैं.

मां नर्मदा बिन एमपी की राजनीति अधूरी
मां नर्मदा मध्यप्रदेश की जीवनदायिनी तो हैं ही, साथ ही उनके बिना एमपी की राजनीति भी अधूरी मानी जाती है. मध्यप्रदेश की राजनीति का बड़ा हिस्सा मां नर्मदा के इर्द-गिर्द घूमता है. मां नर्मदा पर अटूट विश्वास की गवाही हर किसी के जीवन से मिलती है, चाहे वह पूर्व मुख्यमंत्री और अब कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान हों या फिर नर्मदा परिक्रमा करने वाले पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह. मां नर्मदा के सानिध्य के बिना सफलता पास नहीं भटकती है.

Location :

Bhopal,Madhya Pradesh

First Published :

February 05, 2025, 17:02 IST

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