Last Updated:February 05, 2025, 19:27 IST
फोर्ड की भारत वापसी पर संशय है. कंपनी चेन्नई प्लांट से दुनियाभर में कारें भेजने की योजना पर विचार कर रही है, लेकिन यूएस में राजनीतिक दबाव और 30 करोड़ डॉलर के खर्च के कारण देरी संभव है. फोर्ड इस समय का उपयोग अपन...और पढ़ें
हाइलाइट्स
- फोर्ड की भारत वापसी पर संशय बरकरार.
- चेन्नई प्लांट से दुनियाभर में कारें भेजने की योजना.
- यूएस में राजनीतिक दबाव और 30 करोड़ डॉलर खर्च से देरी संभव.
नई दिल्ली. पिछले साल ये चर्चा जोरों पर थी कि अमेरिकी कार निर्माता फोर्ड एक बार फिर से भारत में वापसी करने जा रही है. कंपनी के पास तमिलनाडु में मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी पहले से है इसलिए ये बातें काफी हद तक सच भी लग रही थीं. कंपनी ने पिछले सितंबर में भारत वापसी का ऐलान किया था लेकिन उसके बाद से अब तक इस मामले में कोई नहीं बात सुनने को नहीं आई है. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या फोर्ड ने अपना मन बदल लिया है या फिर वापसी से पहले कुछ बड़ा प्लान कर रही है.
TOI की एक खबर के अनुसार, संभव है कि अब गर्मी के अंत तक कंपनी की अपनी वापसी की रणनीति पर कुछ भी नहीं बोलेगी. कंपनी के अधिकारी ने टीओआई से कहा है कि बोर्ड ने जनवरी में इस पर चर्चा की थी और फैसला लिया था कि अभी इस पर कुछ भी नहीं कहा जाएगा. अधिकारी ने बताया कि बेशक फोर्ड की वापसी में देरी होगी और कंपनी इस समय का इस्तेमाल भारत में अपनी रणनीति को बेहतर करने के लिए करेगी.
उम्मीद की किरण
फोर्ड के एक प्रवक्ता ने इस संबंध में यह बताया है कि कंपनी चेन्नई में अपनी मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी का इस्तेमाल करने और वहां से दुनियाभर में अपनी कारें पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है. लेकिन यह काम कब से शुरू होगा इस पर कहीं से कोई खबर नहीं आ रही है.
क्या है रुकावट
सूत्रों की मानें तो यूएस में घर पर ही विनिर्माण का राजनीतिक दबाव बढ़ रहा है. वहां की नई सरकार चाहती है कि प्रोडक्शन को वापस अमेरिका में लाया जाए. दूसरा बड़ा कारण यह है कि चेन्नई में जो फोर्ड का प्लांट है उसे दोबारा कार प्रोडक्शन के लायक, विशेषकर ईवी मैन्युफैक्चरिंग के लायक बनाने के लिए उसमें 30 करोड़ डॉलर तक का खर्च आ सकता है. ऐसे में फोर्ड शायद सोच में पड़ गई है कि क्या उसके लिए इस समय पर इतना बड़ा रिस्क लेना फायदेमंद होगा?
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
February 05, 2025, 19:27 IST