ग्लोबल ट्रेड वॉर की आशंका गहराने से निवेशक अब रिस्क लेने से बच रहे हैं। वे सेफ हैवन एसेट्स की तरफ जा रहे हैं। ऐसे में बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 36 पैसे लुढ़ककर 87.43 प्रति डॉलर के नए ऑल टाइम लो लेवल पर बंद हुआ। फॉरेन करेंसी ट्रेडर्स ने कहा कि ग्लोबल ट्रेड वॉर की आशंका बढ़ने से रुपये में निगेटिव सेंटीमेंट के साथ कारोबार हुआ। इसकी वजह यह है कि बाजार के लोग अमेरिका और चीन द्वारा एक-दूसरे पर लगाए जा रहे टैरिफ के प्रभाव को लेकर चिंतित हैं।
87.43 के रिकॉर्ड लो पर पहुंचा रुपया
इसके अलावा, भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से नीतिगत ब्याज दर में कटौती की चिंताओं और विदेशी बाजार में अमेरिकी करेंसी की व्यापक मजबूती ने भी निवेशकों के सेंटीमेंट को प्रभावित किया है। इंटरबैंक फॉरेन एक्सचेंज मार्केट में रुपया 87.13 पर कमजोरी के साथ खुला और सेशन के दौरान 87.49 प्रति डॉलर के निचले स्तर तक आया। कारोबार के आखिर में रुपया 87.43 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 36 पैसे की गिरावट है।
सेफ हैवन एसेट बन रहा डॉलर
मंगलवार को रुपया चार पैसे बढ़कर 87.07 डॉलर प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। मिराए एसेट शेयरखान के रिसर्च एनालिस्ट अनुज चौधरी ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अपनी मौद्रिक नीति बैठक में ब्याज दरों में कटौती की बढ़ती संभावनाओं के कारण रुपया अबतक के सबसे निचले स्तर पर आ गया। चौधरी ने कहा,‘‘हमें उम्मीद है कि आयातकों की डॉलर मांग और अमेरिकी व्यापार शुल्क पर चल रही अनिश्चितता के बीच रुपया नकारात्मक पूर्वाग्रह के साथ कारोबार करेगा। टैरिफ वॉर के बढ़ने से वैश्विक जोखिम भावना कम हो सकती है और सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में डॉलर की मांग बढ़ सकती है।’’
यूएस-चीन ट्रेड वॉर
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन से सामान आयात करने वाली अमेरिकी कंपनियों पर 10 प्रतिशत शुल्क लगाने पर जोर दे रहे हैं। मंगलवार को चीन ने कुछ अमेरिकी उत्पादों पर अपने टैरिफ और गूगल में एक अविश्वास जांच की घोषणा करके जवाबी कार्रवाई की। फिलहाल ट्रंप ने सोमवार को मेक्सिको और कनाडा के खिलाफ अपने शुल्क बढ़ाने की मंशा को 30 दिनों के लिए टाल दिया है।
आरबीआई घटा सकता है ब्याज दर
इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.35 प्रतिशत गिरकर 107.58 पर कारोबार कर रहा था। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 0.51 प्रतिशत गिरकर 75.81 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। कारोबारियों ने कहा कि रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक के नतीजे आने से पहले निवेशक सतर्क रह सकते हैं। संभावना है कि शुक्रवार को आरबीआई रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत कटौती कर सकता है। यह पिछले पांच साल में रेट कट का पहला मामला होगा।
(पीटीआई/भाषा के इनपुट के साथ)