Agency:News18 Uttarakhand
Last Updated:February 05, 2025, 22:29 IST
Lakhamandal Shiva Temple: लाखामंडल शिव मंदिर परिसर में 27 छोटे मंदिर स्थित हैं, जिन्हें विशेष रूप से संरक्षित किया जा रहा है. ASI के अनुसार, ये मंदिर 11वीं-12वीं शताब्दी के हैं.
लाखामंडल के प्राचीन शिव मंदिर में मिले प्राचीन अवशेष.
देहरादून. उत्तराखंड के लाखामंडल स्थित प्राचीन शिव मंदिर न सिर्फ धार्मिक आस्था का केंद्र है बल्कि इसका ऐतिहासिक महत्व भी बहुत खास है. महाभारत काल से जुड़े इस मंदिर की संरचना पांचवीं शताब्दी से अस्तित्व में मानी जाती है जबकि इसका वर्तमान ढांचा 11वीं-12वीं शताब्दी का बताया जाता है. अब भारतीय पुरातत्व विभाग इस ऐतिहासिक धरोहर को सहेजने में जुटा है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI), देहरादून मंडल के अधीक्षण पुरातत्वविद् (प्रभारी) मनोज कुमार सक्सेना ने लोकल 18 से बातचीत में कहा कि मंदिर परिसर में 2021 में कुछ पुरातात्विक अवशेष मिले थे, जिनके संरक्षण का कार्य अंतिम चरण में है.
उन्होंने कहा कि संरक्षण प्रक्रिया में उन्हीं पारंपरिक सामग्रियों का उपयोग किया जा रहा है, जिनसे यह मंदिर और अन्य संरचनाएं बनाई गई थीं. लाखामंडल शिव मंदिर (Lakhamandal Shiva Temple) परिसर में 27 छोटे मंदिर (मिनिएचर श्राइन) भी स्थित हैं, जिन्हें विशेष रूप से संरक्षित किया जा रहा है. ASI के मुताबिक, ये छोटे मंदिर 11वीं-12वीं शताब्दी के हैं और क्षेत्र की ऐतिहासिक समृद्धि का प्रमाण देते हैं.
महाभारत काल से जुड़ा इतिहास
लाखामंडल शिव मंदिर का संबंध महाभारत काल (Mahabharata Era Temple) से जोड़ा जाता है. माना जाता है कि कौरवों ने पांडवों को जलाने के लिए लाक्षागृह (मोम का महल) इसी क्षेत्र में बनवाया था. इस मंदिर का उल्लेख स्कंद पुराण और अन्य पौराणिक ग्रंथों में भी मिलता है. यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसका विशेष शिवलिंग सूर्य की किरणों के संपर्क में आकर चमकने लगता है.
संरक्षण कार्य के जल्द पूरा होने की उम्मीद
ASI के मुताबिक, संरक्षण कार्य तेजी से जारी है और इस वित्तीय वर्ष के अंत तक इसे पूरा कर लिया जाएगा. स्थानीय लोग और इतिहास प्रेमी इस पहल से बेहद उत्साहित हैं क्योंकि यह न केवल ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित करेगा बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा देगा. उत्तराखंड के लाखामंडल शिव मंदिर का संरक्षण इतिहास को सहेजने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. यह धरोहर हमें अपने गौरवशाली अतीत से जोड़ती है, जिसे आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रखना बेहद जरूरी है.
Location :
Dehradun,Uttarakhand
First Published :
February 05, 2025, 22:29 IST
लाखामंडल शिव मंदिर: 5वीं शताब्दी का इतिहास, प्राचीन अवशेषों का रहस्य