Last Updated:February 05, 2025, 17:06 IST
Five Tier Method: गुजरात के किसान गोहिल यशपाल सिंह ने 1.5 बीघा जमीन में पंचस्तरीय विधि से 20 फसलें उगाई हैं, जिसमें सब्जियां, फल और अनाज शामिल हैं. प्राकृतिक खेती से कम खर्च में अधिक आय हो रही है.
हाइलाइट्स
- गुजराती किसान ने 1.5 बीघा में 20 फसलें उगाईं.
- प्राकृतिक खेती से कम खर्च में अधिक आय हो रही है.
- पंचस्तरीय विधि से सब्जियां, फल और अनाज उगाए.
भावनगर: किसान प्राकृतिक खेती कर रहे हैं. प्राकृतिक खेती में खर्च कम होता है और आय अधिक होती है. किसान कम जमीन में विभिन्न मॉडल अपना रहे हैं. किसान कम जमीन में पंचस्तरीय पद्धति (five-tier method) से खेती कर रहे हैं. कम जमीन में अधिक फसलें उगाकर अच्छी कमाई प्राप्त कर रहे हैं. भावनगर जिले के उमराला तालुका के चित्रावाव गांव के किसान ने डेढ़ बीघा जमीन में 20 फसलें उगाई हैं.
15 से 20 फसलें उगाई हैं
बता दें कि भावनगर जिले के उमराला तालुका के चित्रावाव गांव के अधिकांश किसान मुख्य फसल के रूप में कपास की खेती करते हैं, लेकिन अब कई किसान नई-नई फसलें उगा रहे हैं. उमराला तालुका के चित्रावाव गांव के युवा किसान गोहिल यशपाल सिंह ने डेढ़ बीघा में पंचस्तरीय मॉडल तैयार किया है. जिसमें सब्जियां, अनाज, फल आदि 15 से 20 फसलें उगाई हैं.
1.5 बीघा में पंचस्तरीय मॉडल तैयार किया
किसान गोहिल यशपाल सिंह ने बताया कि मैंने 12वीं तक पढ़ाई की है. आत्मा प्रोजेक्ट से जुड़ने के बाद मैंने प्राकृतिक खेती की शुरुआत की है. वर्ष 2019 से अब तक प्राकृतिक खेती ही कर रहा हूं. अभी मैंने 1.5 बीघा में पंचस्तरीय मॉडल तैयार किया है और उसमें सभी प्रकार की सब्जियां सहित फसलें उगाई हैं. जिसमें बैंगन, मूली, धनिया, गाजर, पपीता, केला आदि फसलें उगाई हैं.”
जीवामृत, बीजामृत आदि का उपयोग किया जाता
किसान ने आगे कहा कि इन सभी फसलों की देखभाल में जीवामृत, बीजामृत आदि का उपयोग किया जाता है और जब कोई रोग या कीट आता है तो उसके नियंत्रण के लिए अग्निअस्त्र, ब्रह्मास्त्र आदि का उपयोग किया जाता है. आजकल कैंसर, डायबिटीज जैसे रोग बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन प्राकृतिक खेती में उगाई गई सब्जियां खाने से इन रोगों को रोका जा सकता है.
First Published :
February 05, 2025, 17:06 IST
इस गुजराती किसान ने खेती में मचाया भौकाल! 1.5 बीघा खेत में उगा दी 20 फसलें