जयपुर. जात-पात का भेदभाव मिटाकर सामूहिक सम्मेलनों के तहत विवाह का आयोजन करने वाली संस्थाओं को अब सरकारी सहायता मिलेगी. सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा देने और समाज के बीच से जातिगत द्वेष को मिटाने में कारगर इन सामूहिक विवाह की संस्थाओं को यह सहायता मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह अनुदान योजना के तहत दी जाएगी. इस योजना के तहत सर्वधर्म सामूहिक विवाह आयोजन करने वाली संस्था को 10 लाख रुपए तक अतिरिक्त अनुदान सहायता दी जाएगी.
अभी दिया जाता है 25 हजार का अनुदान
सर्वधर्म सामूहिक विवाह आयोजन करने वाली संस्था को अभी 25 हजार रुपए अनुदान राशि दी जाती है. महिला अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक राजेन्द्र चौधरी ने बताया कि पंजीकृत संस्था को अनुदान में से 21 हजार रुपए वधू के खाते में जमा कराने होते हैं. 4 हजार रुपए संस्था के खाते में हस्तांतरित किए जाते हैं. योजना में आयोजक संस्था को आयोजन से 15 दिन पहले एसएसओ आईडी के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करना होता है.
ये दस्तावेज जरूरी
आवेदन के साथ संस्था के पंजीकरण दस्तावेज, वर-वधू के आयु प्रमाण पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र, पहचान पत्र, वधू एवं संस्था के बैंक खाते का विवरण संलग्न करना होता है. अब सामूहिक विवाह आयोजन में विभिन्न जाति व धर्म के कम से कम 25 जोड़ों (कम से कम 5 समाज जाति व धर्म के प्रत्येक के 5 जोड़े जरूरी) के विवाह का आयोजन करने पर संबंधित संस्थान को अतिरिक्त 10 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाएगी.
सामूहिक विवाह को बढ़ावा देने के लिए लिया फैसला
सामूहिक विवाह को बढ़ावा देने, दहेज प्रथा एवं बाल विवाह को रोकने एवं विवाह में होने वाले खर्चे को रोकने के उद्देश्य से राजस्थान सरकार द्वारा मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह अनुदान योजना में यह राशि 25 हजार से बढ़ाकर 10 लाख रुपए की गई है. इसके अंतर्गत सामूहिक विवाह के आयोजन पर वधू एवं विवाह आयोजन करने वाली संस्था को अनुदान राशि प्रदान की जाती है
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FIRST PUBLISHED :
November 25, 2024, 18:17 IST