सिर्फ 10 दिन में पूरी होगी मानसरोवर यात्रा, नहीं चलना होगा पैदल, ये रहा रूट

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Last Updated:February 10, 2025, 19:00 IST

Kailash Mansarovar Yatra : कैलाश-मानसरोवर यात्रा को लेकर भारत-चीन के बीच सहमति बन गई है. पूरे 5 साल बाद शुरू होने वाली मानसरोवर यात्रा में इस बार कई बदलाव भी होने जा रहे हैं. 24 दिन की यात्रा इस बार होगी सिर्फ ...और पढ़ें

सिर्फ 10 दिन में पूरी होगी मानसरोवर यात्रा, नहीं चलना होगा पैदल, ये रहा रूट

5 साल बाद होने वाली मानसरोवर यात्रा में इस बार कई बदलाव भी होने जा रहे हैं....

हाइलाइट्स

  • कैलाश-मानसरोवर यात्रा अब 10 दिनों में पूरी होगी.
  • इस बार यात्रियों को पैदल नहीं चलना होगा.
  • यात्रा का रूट दिल्ली से टनकपुर होते हुए लिपुलेख तक होगा.

पिथौरागढ़. लंबे इंतजार के बाद इस साल कैलाश-मानसरोवर यात्रा होनी है. कैलाश-मानसरोवर यात्रा को लेकर भारत-चीन के बीच सहमति बन गई है. इस बार की यात्रा बीती यात्राओं से कई मायनों में अलग होगी. यात्रा के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा कि यात्रियों को रत्ती भर भी पैदल नहीं चलना होगा. यही नहीं और भी कई बदलाव इस बार मानसरोवर यात्रा में किए गए हैं. चीन के साथ बिगड़ते रिश्तों के चलते मानसरोवर यात्रा 2019 से बंद है. कुछ समय से दोनों मुल्कों ने रिश्तों पर जमी बर्फ को हटाना शुरू किया है जिसका नतीजा ये है कि इस बार कैलाश-मानसरोवर यात्रा को लेकर सहमति बन गई है. 5 साल बाद होने वाली मानसरोवर यात्रा में इस बार कई बदलाव भी होने जा रहे हैं.

एक दौर था जब इस यात्रा को दुनिया की सबसे दुर्गम पैदल यात्रा कहा जाता था लेकिन इतिहास में पहली बार यात्रियों को इंच भर भी पैदल यात्रा नहीं करनी पड़ेगी. लिपुलेख बॉर्डर तक रोड बनने के बाद अब पूरी यात्रा गाड़ियों की मदद से होगी. केन्द्रीय राज्य मंत्री सड़क एंव परिवहन अजय टम्टा का कहना है कि तवाघाट से लिपुलेख बॉर्डर तक रोड पूरी तरह तैयार है. अब इस बॉर्डर पर आसानी से गाड़ी के सफर किया जा सकता है. चाइना बॉर्डर तक रोड कटने के बाद यात्रा आसान तो हुई ही है. साथ ही अन्य कई बदलाव भी इस बार होने हैं.

दिल्ली से टनकपुर होते हुए लिपुलेख जाएगी यात्रा
24 दिन की यात्रा इस बार होगी सिर्फ 10 दिनों में पूरी होगी. पहली बार परंपरागत रूट से कैलाश यात्रा होगी. टनकपुर से पिथौरागढ़ होते हुए यात्रा का परंपरागत रूट है. इस बार यात्री सिर्फ गुंजी पड़ाव में दो दिन के लिए रूकेंगे जबकि पहले पैदल यात्रा के दौरान करीब 8 पड़ाव होते थे. यात्री इस बार दिल्ली से टनकपुर पहुंचेगे, जहां एक रात रूकने के बाद पिथौरागढ़ होते हुए सीधे धारचूला पहुंचेगे. बेस कैंप धारचूला से अब यात्री एक दिन में ही गुंजी पहुंच जाएंगे.

जिला पर्यटन अधिकारी पिथौरागढ़ ने कीर्ती आर्या ने बताया कि यात्रा को लेकर एक मीटिंग दिल्ली में हो चुकी है. पर्यटन विभाग ने सभी तैयारियां पूरी तरह की हैं. सरकार से हरी झंडी मिलते ही विभाग अपना काम शुरू कर देगा. गुंजी के बाद भी लिपुलेख दर्रे तक यात्री गाड़ियों की मदद से अपना सफर तय करेंगे. लिपुलेख दर्रा पार करते ही यात्रा तिब्बत में इंट्री कर लेगी जहां सड़कों का जाल चाइना सालों पहले बिछा चुका है. यही नहीं इस बार यात्रा मंहगी होने के आशंका भी बनी हुई है. 2019 तक कैलाश-मानसरोवर यात्रा के लिए एक यात्री को करीब ढ़ाई लाख रुपये खर्च करने होते थे.

Location :

Dehradun,Dehradun,Uttarakhand

First Published :

February 10, 2025, 19:00 IST

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