नई दिल्ली. कई बार लोग टाइम पास करने के लिए स्टेशन में या परिसर में इधर-उधर घूमते हैं और फिर लौट जाते हैं. लेकिन ऐसा करना आपको भारी पड़ सकता है. इसके लिए पेनाल्टी तक चुकानी पड़ सकती है. भारतीय रेलवे के अनुसार ऐसा करना अपराध की श्रेणी में आता है. ज्यादातर यात्रियों को इसका पता नहीं होगा. इसलिए कार्रवाई से बचने के लिए आप रेलवे का यह नियम जरूर जान लें.
सामान्य तौर पर रेलवे स्टेशन पर यात्री ट्रेन पकड़ने के लिए आते हैं या ट्रेनों से उतरकर अपने गंतव्य जाते हैं. हालांकि इन्हीं में तमाम ऐसे यात्री भी होते है, जो स्टेशन पर उतरने के बाद दूसरी ट्रेन के इंतजार में वहीं रुक जाते हैं. इस तरह यात्री स्टेशन किसी न किसी उद्देश्य से यहां आते हैं. लेकिन कई बार ऐसे लोग भी स्टेशन पहुंच जाते हैं, जो केवल टाइम पास करने के लिए पहुंचते हैं.
यह है अपराध
स्टेशन या परिसर में ऐसा करना अपराध की श्रेणी में आता है. क्योंकि रेलवे स्टेशन कोई घूमने की जगह नहीं है. इस तरह आने से भीड़ बढ़ सकती है. यहां पर बगैर उद्देश्य आना रेल मैन्युअल के विरुद्ध है और उस पर 500 रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है. इसलिए कार्रवाई से बचने के लिए आप यह नियम जान लें और भविष्य में इस तरह की गलती न कर बैठें.
देशभर में 7000 से अधिक स्टेशन
देश में 7000 से अधिक रेलवे स्टेशन हैं. इसमें ए, बी,सी और डी श्रेणी के होते हैं. रेलवे का कमर्शियल विभाग समय-समय पर भीड़भाड़ वाले एक स्टेशनों पर ऐसे लोगों पर कार्रवाई करता है. जुर्माना वसूलता है और जरूरी समझे जाने पर व्यक्ति को आरपीएफ के हवाले कर देता है.
ग्रामीण इलाकों में रोक संभव नहीं
हालांकि रेलवे का यह नियम शहरों के भीड़भाड़ वाले स्टेशनों पर ही लागू होते हैं. रेलवे के अधिकारी स्वयं मानते हैं कि ग्रामीण इलाकों में तमाम ऐसे स्टेशन हैं, जहां दिनभर में एक या दो ट्रेन रुकती हैं. ऐसे स्टेशनों में ऐसे लोगों को बगैर उद्देश्य के रोक पाना संभव नहीं है.
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FIRST PUBLISHED :
October 9, 2024, 12:43 IST