हरियाणा हारी तो BJP पर बढ़ेगा RSS का दबाव, महाराष्‍ट्र में भी होगी मुश्किल

2 hours ago 1

हरियाणा और जम्‍मू-कश्‍मीर विधानसभा चुनावों के नतीजे क्‍या होंगे, यह आठ अक्‍तूबर को पता चलेगा. इससे पहले आए एग्जिट पोल के नतीजों में लगभग सभी हरियाणा में कांग्रेस को जीता हुआ और जम्‍मू-कश्‍मीर में कांग्रेस-एनसी को बढ़त लेते हुए बता रहे हैं. इस बार एग्‍जिट पोल करने वालों में जो आम राय बनती दिख रही है, वह बीते दस सालों में बहुत कम दिखा है.

हरियाणा में एग्‍जिट पोल के अलग-अलग नतीजों में कांग्रेस को 44 से 65 तक सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है. बीजेपी के लिए 15 से 28 सीटों का अनुमान है. 2019 में बीजेपी को 40 और कांग्रेस को 31 सीटें मिली थीं. सभी एग्‍जिट पोल इस बार एक मत हैं कि भाजपा सरकार बनाने की स्‍थ‍िति में नहीं आ रही.

अगर एग्‍जिट पोल के नतीजे सही साबित हुए तो यह इस प्रश्‍न को और मजबूती देगा कि क्‍या अब चुनावी राजनीति का चक्र कांग्रेस के पक्ष में घूमना शुरू हो चुका है? क्‍या दो ध्रुवों की राजनीति के इस युग में कांग्रेस युग की वापसी का दौर शुरू हो चुका है? खास कर तब जब लोकसभा चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन पिछले चुनाव के मुकाबले गिरा है और कांग्रेस का मजबूत हुआ है. लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस-बीजेपी, दोनों पार्ट‍ियों की यह पहली चुनावी परीक्षा है.

हरियाणा के चुनाव नतीजों से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो पता चलता है कि 2014 में बीजेपी के हाथों सत्‍ता गंवाने के बाद कांग्रेस ने बीजपी के मुकाबले अपने प्रदर्शन में सुधार ही किया है. 2014 में मोदी लहर के शुरुआती दौर में पहली बार बीजेपी हरियाणा की सत्‍ता में आई. तब भाजपा को 33.3 प्रतिशत वोट और 47 सीटें मिली थीं. 2009 की तुलना में भाजपा का वोट प्रतिशत करीब चार गुना बढ़ गया था. कांग्रेस 20.7 प्रतिशत वोट के साथ 15 सीटों पर सिमट गई थी. पांच साल बाद 2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपनी सीटें दोगुनी से भी एक ज्‍यादा (31) कर लीं. उसका वोट प्रतिशत करीब सात फीसदी बढ़ कर 28.1 हो गया. उधर, भाजपा 2019 में करीब तीन प्रतिशत ज्‍यादा (36.5) वोट पाकर भी 47 से 40 सीटों पर आ गई.

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 2014 के बाद 2019 में भी कुछ नहीं कर सकी, लेकिन 2024 में उसने भाजपा से पांच सीटें छीन लीं. इस लोकसभा चुनाव में भाजपा का वोट प्रतिशत भी 2019 के 58 से घट कर 46.1 प्रतिशत रह गया. 2019 में भाजपा का वोट प्रतिशत 2014 की तुलना में करीब 23 प्रतिशत बढ़ा (58 फीसदी) था.

मोदी लहर में चार गुना बढ़ गया था बीजेपी का वोट
हरियाणा में बीजेपी का उभार बहुत पुराना नहीं है. 1982 से 2009 तक के विधानसभा चुनावों में केवल दो बार (1987 और 2005) ही ऐसा हुआ कि बीजेपी का वोट प्र‍तिशत दहाई अंक में पहुंच पाया था. 2014 में अचानक 33 पार पहुंच गया.

पहली बार हरियाणा के विधानसभा या लोकसभा चुनाव में भाजपा का वोट प्रतिशत 30 से पार गया था. जाहिर है, यह संयोग (कांग्रेस के खिलाफ सत्‍ता विरोधी लहर और प्रयोग (नरेंद्र मोदी की भाजपा में लॉन्‍च‍िंग) के परिणामस्‍वरूप चली ‘मोदी लहर’ का नतीजा था. 2024 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए यह बड़ा प्रश्‍न है कि वह एक-तिहाई वोटर्स की पसंद बनी रह पाएगी या नहीं?

हरियाणा विधानसभा चुनाव के असली नजीते एग्जिट पोल के नतीजों से मेल खाते हुए आए तो इसका एक मतलब यह भी होगा कि भाजपा ने कांग्रेस के मजबूत होने के चलते सत्‍ता नहीं गंवाई, बल्‍कि अपनी कमजोरी और सरकार की लोकप्रियता बनाए रखने में नाकामी के चलते सरकार से बाहर हुई. कांग्रेस लगभग पूरे चुनाव के दौरान गुटबाजी से त्रस्‍त रही. नेता खेमों में बंटे हुए थे और बंट कर ही काम करते दिखाई दे रहे थे. पर, किसान, जवान और पहलवान का जो मुद्दा भाजपा ने उसके हाथ में थमाया, वह कांग्रेस के काम आ गया.

ऐसा लगता है कि भाजपा का आत्‍मविश्‍वास पहले से हिला हुआ था. चुनाव से कुछ महीने पहले सीएम को बदलना इसी बात का संकेत माना जा सकता है. पार्टी बागियों से भी जूझ रही थी. हरियाणा और जम्‍मू-कश्‍मीर में जिस तरह भाजपा ने अपने असंतुष्‍ट नेताओं के बगावती तेवर देखे, वह अनुशासित पार्टी होने का दावा करने वाली भाजपा को आईना दिखा गया.

हरियाणा की सत्‍ता हाथों से फिसलने का मतलब भाजपा की पकड़ कमजोर होना और संघ (आरएसएस) का उस पर दबाव बढ़ना भी होगा. लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद संघ और बीजेपी से जुड़े नेताओं के तीखे बयान हम सबने सुने ही हैं.

हरियाणा की सत्‍ता गई तो बीजेपी के लिए महाराष्‍ट्र में भी मुश्किल आएगी. सबसे पहली मुश्‍किल तो यही आ सकती है कि सीट बंटवारे पर बातचीत में शिवसेना (एक नाथ शिंदे) उस पर भारी पड़ सकती है. लोकसभा चुनाव नतीजों से वैसे ही बीजेपी बैकफुट पर है.

लोकसभा चुनाव के बाद सत्‍ताधारी गठबंधन के कई नेताओं ने बीजेपी के साथ गठबंधन का विरोध किया था. अगर हरियाणा में बीजेपी हार गई तो यह विरोध महाराष्‍ट्र विधानसभा चुनाव के पहले एक बार फिर बढ़ सकता है.

महाराष्‍ट्र विधानसभा चुनाव की तारीख अभी नहीं आई है, लेकिन दोनों प्रमुख पार्ट‍ियां तैयारी में लगी हुई हैं. नवंबर 26 तक चुनाव कराना है. इसलिए तारीखों का ऐलान जल्‍द ही हो जाएगा. 2019 विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 164 में से 105 सीटें जीती थीं. इस बार बीजेपी चाहती है कि वह 288 में से 160 सीटों पर लड़े.

कांग्रेस की सत्‍ता में वापसी हुई तो यह उसके लिए टॉनिक का काम करेगी. लेकिन, उसके सामने हरियाणा के नेताओं की गुटबाजी शांत करने की बड़ी चुनौती होगी. सीएम पद की दावेदारी सुलझाना भी एक बड़ी चुनौती होगी. कुमारी सैलजा पहले से उम्‍मीद कर रही हैं कि इस बार कांग्रेस किसी दलित को मुख्‍यमंत्री बनाएगी. उधर, हुड्डा खेमा भी अपने लिए सीएम की कुर्सी के सपने देख रहा है.

लेकिन, हरियाणा के नतीजे पक्ष में आने से कांग्रेस को महाराष्‍ट्र में लड़ाई के लिए और बल मिलेगा. राहुल गांधी अभी से वहां लग गए हैं. संविधान बचाने का जो मुद्दा उन्‍होंने उठाया है, वह उन्‍हें फायदे का लग रहा है. इसलिए महाराष्‍ट्र में भी उन्‍होंने इस मुद्दे को गरमाना शुरू कर दिया है. महाराष्‍ट्र में एक और फायदा यह होगा कि सीटों के समझौते में कांग्रेस अपना पलड़ा भारी रखने की स्‍थि‍ति में होगी.

कांग्रेस को यदि हरियाणा की सत्‍ता मिलती है तो राहुल गांधी के लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद यह पहली बड़ी कामयाबी होगी. यह उनकी नेतृत्‍व क्षमता और मल्‍ल‍िकार्जुन खड़गे की अध्‍यक्षता की सफलता साबित करने के लिए बड़ा आधार बनेगी.

एग्‍ज‍िट पोल के नतीजे सही साबित हुए तो इसका एक अर्थ यह भी निकलेगा कि अब जनता नहीं चाहती कि हरियाणा पर लंबे समय तक शासन करने वाले ‘लाल’ और ‘चौटाला’ परिवारों की दाल गले. न ही उसे आम आदमी पार्टी (आप) जैसी राष्‍ट्रीय पार्टी से उम्‍मीद है.

Tags: Exit poll, Haryana predetermination 2024, PM Modi

FIRST PUBLISHED :

October 7, 2024, 09:36 IST

*** Disclaimer: This Article is auto-aggregated by a Rss Api Program and has not been created or edited by Nandigram Times

(Note: This is an unedited and auto-generated story from Syndicated News Rss Api. News.nandigramtimes.com Staff may not have modified or edited the content body.

Please visit the Source Website that deserves the credit and responsibility for creating this content.)

Watch Live | Source Article