नई दिल्ली:
'एक्टिविस्ट' शॉर्ट-सेलर नेट एंडरसन, जिन्होंने अपनी करीब आठ साल पुरानी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग को बंद करने की घोषणा की है, के कंपनियों को टारगेट करने वाली रिपोर्ट तैयार करने में हेज फंड के साथ कथित संबंधों के लिए संदेह के घेरे में हैं. कनाडा के एक पोर्टल ने ओंटारियो की एक अदालत में दायर दस्तावेजों का हवाला देते हुए यह बात कही है. ओंटारियो सुपीरियर कोर्ट ऑफ जस्टिस में एक जटिल मानहानि मुकदमे में दायर दस्तावेजों में कनाडा के एन्सन हेज फंड के प्रमुख मोएज कसम ने कहा कि उनकी फर्म ने हिंडनबर्ग के नेट एंडरसन सहित "विभिन्न स्रोतों के साथ" रिसर्च साझा की है. इस खुलासे पर प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं.
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील जय अनंत देहद्राय ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा है कि, हिंडनबर्ग रिसर्च के संस्थापक नेट एंडरसन अब अपनी फर्म की रिपोर्ट जारी करने से पहले हेज फंड के साथ गैर-सार्वजनिक जानकारी साझा करने के लिए प्रतिभूति धोखाधड़ी के लिए जांच के दायरे में हैं. कनाडा के कोर्ट के दस्तावेजों से पता चलता है कि एंडरसन ने कनाडा के एन्सन फंड के साथ साजिश रची, उन्हें हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के शुरुआती मसौदे उपलब्ध कराए.
Big News.
Nate Anderson, laminitis of Hindenburg Research, is present nether scrutiny for securities fraud for sharing non-public accusation with hedge funds earlier releasing his firm's reports.
Court documents from Canada suggest that Anderson conspired with Canada's Anson Funds,… pic.twitter.com/XkMhMc3cyc
— Jai Anant Dehadrai (@jai_a_dehadrai) January 19, 2025उन्होंने कहा है कि यह प्रैक्टिस निश्चित रूप से बाजार में हेरफेर और इनसाइडर ट्रेडिंग के लिए है, क्योंकि इससे हेज फंड को हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से प्रेरित अनुमानित स्टॉक मूवमेंट्स से फायदा उठाने का मौका मिला.
अदाणी स्टॉक पर फर्जी रिपोर्ट से किसने लाभ कमाया?
उन्होंने लिखा है कि, एंडरसन और एन्सन फंड के बीच ईमेल में चौंकाने वाले खुलासे (संलग्न). सवाल यह है कि भारत में अदाणी स्टॉक पर उनकी फर्जी रिपोर्ट से किसने लाभ कमाया?
कनाडा के पोर्टल ‘मार्केट फ्रॉड' ने कहा है कि अदालती दस्तावेजों से कथित तौर पर पता चला है कि हिंडनबर्ग ने रिपोर्ट तैयार करते समय एन्सन के साथ मिलीभगत की थी. भागीदारी के खुलासे के बिना मंदी की रिपोर्ट तैयार करने पर अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (एसईसी) द्वारा प्रतिभूति धोखाधड़ी का आरोप लगाया जा सकता है.
जहां निवेश कंपनी प्रतिभूति उधार लेकर उसे खुले बाजार में बेचते हैं, तथा कंपनी के खिलाफ उनकी नकारात्मक रिपोर्ट के कारण शेयरों में गिरावट आने के बाद कम पैसे में उसे पुनः खरीदने की उम्मीद करते हैं, वहीं ‘हेज फंड' की संलिप्तता से संदेह पैदा होता है, क्योंकि वे भी समानांतर दांव लगा सकते हैं, जिससे शेयरों की कीमतों पर और अधिक दबाव पड़ सकता है. हालांकि, एन्सन और कासम से तत्काल संपर्क नहीं हो सका, तथा एंडरसन को भेजी गई ईमेल का भी कोई उत्तर नहीं मिला.
एंडरसन और एन्सन फंड्स के बीच ईमेल वार्तालाप
वेबसाइट ने दावा किया, “एंडरसन और एन्सन फंड्स के बीच ईमेल वार्तालापों से हम इस तथ्य को जानते हैं कि वह वास्तव में एन्सन के लिए काम कर रहा था और उन्होंने जो कुछ भी उससे कहा, उसे प्रकाशित कर दिया, लक्ष्य मूल्य से लेकर रिपोर्ट में क्या होना चाहिए और क्या नहीं होना चाहिए तक. उसने उनसे कई बार पूछा कि क्या उन्हें ‘और' चाहिए. दर्जनों शेयर बाजारों में हम जो देख सकते हैं, उससे पता चलता है कि कभी भी उसके पास संपादकीय नियंत्रण नहीं था. उसे बताया जा रहा था कि क्या प्रकाशित करना है.”
मार्केट फ्रॉड्स ने अपने आरोप के समर्थन में हिंडनबर्ग और एन्सन के बीच कुछ ईमेल संवादों के स्क्रीनशॉट भी साझा किए हैं, जिनके बारे में उसका दावा है कि उसे ये संवाद ओन्टारियो न्यायालय में उपलब्ध दस्तावेजों के माध्यम से प्राप्त हुए हैं.
हिंडनबर्ग और एन्सन के बीच का पूरा लेन-देन एसईसी तक पहुंचेगा
इसमें कहा गया है, “एन्सन फंड्स और नैट एंडरसन दोनों के खिलाफ प्रतिभूति धोखाधड़ी के कई मामले हैं, तथा खबर लिखने के समय तक हमने केवल पांच प्रतिशत मामले की ही जांच की है. अब तक हमने जो पढ़ा है, उसके अनुसार यह लगभग निश्चित है कि जब हिंडनबर्ग और एन्सन के बीच का पूरा लेन-देन एसईसी तक पहुंचेगा, तो 2025 में नेट एंडरसन पर प्रतिभूति धोखाधड़ी का आरोप लगाया जाएगा.”
पिछले हफ्ते, एंडरसन ने हिंडनबर्ग रिसर्च को बंद करने की घोषणा की, जिसने जनवरी, 2023 में अरबपति गौतम अदाणी के समूह के बारे में विस्फोटक रिपोर्ट प्रकाशित करने के बाद वैश्विक स्तर पर सुर्खियां बटोरीं. इससे राजनीतिक विवाद पैदा हो गए और कंपनी को बड़ा नुकसान हुआ था.