हिजबुल्लाह पर ताबड़तोड़ बम बरसा रहा इजरायल, फिर किस डर से कांप रहे इजरायली

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नई दिल्ली: हमास ने आज यानी 7 अक्टूबर को ही पिछले साल इजरायल पर हमला किया था. इसके बाद इजरायल कई मोर्चों पर जंग लड़ रहा है. हालांकि इस युद्ध में वह हिजबुल्लाह, हमास, लेबनान और ईरान पर भारी दिख रहा है. लेकिन जब जंग होती है तो तबाही तो हर ओर होती है. जी इजरायल में भी तबाही का मंजर है. यहां भी उतने ही लोग डरे और सहमे हुए हैं. इजरायल लगातार हिजबुल्लाह और हमास दोनों के ठिकानों पर हमला कर रहा है. वहीं हिजबुल्ला ने रविवार को दिन भर में इज़राइल पर 120 से ज़्यादा रॉकेट और प्रोजेक्टाइल लॉन्च किए.

इज़रायली सेना ने कहा कि हमास के 7 अक्टूबर के हमले की पहली वर्षगांठ से एक दिन पहले रविवार को उत्तरी गाजा से दागे गए रॉकेट दक्षिणी इज़रायल में घुस गए. सेना ने एक बयान में कहा, “उत्तरी गाजा पट्टी से इज़रायली क्षेत्र में घुसते हुए कई प्रक्षेपास्त्रों की पहचान की गई. एक प्रक्षेपास्त्र को रोक दिया गया, और बाकी खुले क्षेत्रों में गिरे.” फिलिस्तीनी आतंकवादियों के अभूतपूर्व हमले की भयावह वर्षगांठ से पहले इज़रायली सेना हमलों के लिए अलर्ट पर है. इस रिपोर्ट में आइए हम उनकी बात करते हैं जो यह जंग में अपना सब कुछ गंवा रहे हैं.

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CNN की रिपोर्ट के अनुसार यायर पिनहास लेबनान की सीमा के पास उत्तरी इज़राइल में अपने गृहनगर किरयात शमोना के आस-पास की पहाड़ियों में लंबी पैदल यात्रा करते हुए बड़े हुए. 32 वर्षीय सॉफ़्टवेयर इंजीनियर ने CNN को बताया “जॉर्डन नदी इस क्षेत्र से शुरू होती है, और यहां बहुत सारी खूबसूरत झीलें और नदियां हैं, यह अद्भुत है. लेकिन हम हमेशा इस दृश्य की प्रशंसा करते थे और कहते थे: ‘कब? यह कब होने वाला है?’

उन्होंने आगे बताया कि “हमें हमेशा लगता था कि 7 अक्टूबर (हमला) यहां होगा, हम हमेशा इसके बारे में बात करते थे.” पिनहास के माता-पिता और उनकी बुजुर्ग दादी लगभग एक साल से इस होटल में रह रहे हैं, जब से उन्हें 7 अक्टूबर के आतंकवादी हमलों के बाद किरयात शमोना से निकाला गया था. पिनहास ने वहां एक अपार्टमेंट किराए पर लेने से पहले तेल अवीव में दोस्तों के साथ महीनों काउच-सर्फिंग की; वह अपने परिवार से मिलने के लिए नियमित रूप से आते हैं.

सरकार ने क्या कहा?
इजरायली सरकार ने कहा कि पिनहास जैसे लोगों का भाग्य उन कारणों में से एक है, जिसके कारण उसे लेबनान में हिजबुल्लाह के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करने की ज़रूरत है. पिछले हफ़्ते संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में बोलते हुए, इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि हिजबुल्लाह ने 8 अक्टूबर से इजरायल पर 8,000 से ज़्यादा रॉकेट दागे हैं, जिससे सीमा पर लगभग 60,000 लोगों को अपने घरों से भागने पर मजबूर होना पड़ा है.

‘लेबनान में रहना बहुत खतरनाक’
श्टुला गांव में अपनी छत पर CNN से बात करते हुए ओरा हतन ने कहा कि उन्हें चिंता है कि सीमा के आसपास की पहाड़ियों में लड़ाई इजरायल के लिए बहुत महंगी साबित हो सकती है. उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि सेना के लिए लेबनान जाना बहुत खतरनाक है, क्योंकि वहां कई सारे जाल हैं… मुझे लगता है कि हम विमान से सीमा की रक्षा कर सकते हैं. या (अंदर) जाकर वापस आ सकते हैं… लेकिन (लेबनान में) नहीं रहना, यह बहुत खतरनाक है.”

हतन, जिनका घर लेबनान की सीमा पर है, अपनी पूरी ज़िंदगी श्टुला में ही रही हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें चिंता है कि मौजूदा युद्ध 2006 की तुलना में कहीं ज़्यादा घातक है, जब आखिरी बार इजरायल ने लेबनान पर हमला किया था.

Tags: Benjamin netanyahu, Israel Iran War

FIRST PUBLISHED :

October 7, 2024, 07:38 IST

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