मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से बैंकों और गोल्ड लोन कंपनियों को काफी सख्त लहजे में चेतावनी दी गई है. आरबीआई, गोल्ड लोन डिस्ट्रीब्यूशन में कमियों पर नाराजगी जाहिर कर चुका है. इसके बाद अब गोल्ड लोन इंडस्ट्री मंथली परिशोधन योजना शुरू करने की योजना बना रहा है. इसके तहत, बैंक और गोल्ड लोन कंपनियां उपभोक्ताओं से लोन शुरू होने के बाद इसका भुगतान मासिक किस्तों में ब्याज और मूलधन के साथ करने के लिए कह सकती हैं. गोल्ड लोन देने वाले बैंक भी सोने के बदले लोन देने के लिए रेकरिंग लोन रूट तलाश रहे हैं.
ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, सीनियर बैंकिंग अफसर ने कहा, “आरबीआई का आदेश स्पष्ट है, वह चाहता है कि गोल्ड लोन कंपनियां, लोन लेने वाले की भुगतान क्षमता की जांच करें और केवल गिरवी रखे जेवर पर निर्भर नहीं रहें, इसलिए हम अब गोल्ड लोन के लिए मासिक भुगतान विकल्प तैयार कर रहे हैं.”
RBI ने सर्कुलर में क्या कहा था
आरबीआई ने 30 सितंबर को एक सर्कुलर में सोने के आभूषणों और जेवर के बदले लोन देने में अनियमितताओं की ओर इशारा किया था. ऐसा तब हुआ जब केंद्रीय बैंक ने गोल्ड लोन की सोर्सिंग, वैल्युएशन, नीलामी पारदर्शिता, एलटीवी अनुपात की निगरानी और जोखिम भार के मामलों में समस्याएं पाई. बैंक नियामक ने यह भी पाया कि केवल आंशिक भुगतान के साथ गोल्ड लोन को आगे बढ़ाना एक गलत परंपरा है.
अब नए भुगतान विकल्प की तैयारी
एक प्रैक्टिस के तौर पर, गोल्ड लोन देने वाले बैंक, बुलेट रिपेमेंट गोल्ड लोन का ऑप्शन देते हैं, जिसमें उधारलेने वाले व्यक्ति लोन की अवधि के अंत में पूरी राशि चुका सकता है. उन्हें किसी भी ईएमआई के अनुसार पुनर्भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है.
दूसरा विकल्प यह है कि जब भी उधारकर्ता के पास धन उपलब्ध हो तब आंशिक भुगतान कर दे. लेकिन, आरबीआई की चिंताओं और इस पर दी गई चेतावनी के बाद बैंक और एनबीएफसी गोल्ड लोन में रिपेमेंट सिस्टम में सुधार के लिए मासिक भुगतान की योजना पर विचार कर रहे हैं.
Tags: Business news, Gold investment, Gold Loan
FIRST PUBLISHED :
November 19, 2024, 18:21 IST